जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव न कराने पर उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाए, कहा- वे सत्ता नहीं छोड़ना चाहते

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का अवसर था, लेकिन केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन चुनाव नहीं कराना चाहता क्योंकि वे सत्ता नहीं छोड़ना चाहते।

फोटोः IANS
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पीटीआई (भाषा)

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अगर केंद्र जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ नहीं करा सकता तो वह पूरे देश में एक साथ चुनाव कैसे करा सकता है?

अब्दुल्ला मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्रशासित प्रदेश के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की आवश्यकता के मद्देनजर एक साथ चुनाव कराने में असमर्थता व्यक्त की थी।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब सीईसी ने संवाददाता सम्मेलन किया तो उन्होंने कहा कि ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) और सभी राजनीतिक दल चुनाव के लिए तैयार हैं, लेकिन वर्तमान प्रशासन (जम्मू-कश्मीर में) ने यह कहते हुए बाधाएं डाल दीं कि उसे अधिक सुरक्षाबलों की आवश्यकता होगी।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में, मैं यह सवाल करने के लिए मजबूर हूं कि जब यूपी और बिहार जैसे अन्य राज्यों में कोई विधानसभा चुनाव नहीं हो रहे हैं, और आप अभी एक साथ चुनाव नहीं करा सकते हैं, तो जब आप एक राष्ट्र, एक चुनाव के बारे में बात करते हैं, और जब यूपी, एमपी तथा बिहार जैसे राज्यों में एक साथ चुनाव कराना होगा, तो फिर सुरक्षाबल कहां से लाओगे?”

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का अवसर था, लेकिन केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन चुनाव नहीं कराना चाहता क्योंकि वे सत्ता नहीं छोड़ना चाहते।


नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, "यह चुनाव कराने का एक अवसर था। लेकिन वे (प्रशासन) ऐसा नहीं चाहते...वे बेताज बादशाह बन गए हैं। उनके पास सारी शक्ति है जिसे वे छोड़ना नहीं चाहते। लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के लिए भगवान का शुक्र है कि चुनाव (विधानसभा) 30 सितंबर से पहले कराया जाना है।"

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल दिसंबर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाते हुए सरकार से इस साल 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को कहा था।

यह पूछे जाने पर कि पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कब करेगी, अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं है। उन्होंने कहा, "अभी केवल तीन उम्मीदवारों की घोषणा की गई है, कांग्रेस और अन्य दलों ने (अपने उम्मीदवारों की) घोषणा नहीं की है... हम किसी जल्दबाजी में नहीं हैं।"

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