"हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 से ध्यान भटकाने की चाल है 'वन नेशन वन इलेक्शन'", विपक्ष ने मोदी सरकार पर बोला हमला

आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर केंद्र के कदम का विरोध करते हुए कहा कि यह सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है।

 (फोटो-Getty Images)
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नवजीवन डेस्क

क्या बीजेपी और एनडीए इंडिया गठबंधन की बढ़ती लोकप्रियता से डर गई है? एनडीए में बढ़ी हलचल और बैठकों के दौर के साथ-साथ सरकार द्वारा कुछ नया करने की कोशिश को विपक्ष ने इसे इसी का परिणाम बताया है। विपक्ष गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी को भी इससे ही जोड़कर देख रहा है। इसी बीच अडानी ग्रुप को लेकर जो नया मामला सामने आया है उसके बाद मोदी सरकार एकबार फिर से विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्ष ने वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा को हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 के असली मुद्दे से भटकाने का तरीका बताया है।

आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर केंद्र के कदम का विरोध करते हुए कहा कि यह सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है। आईएएनएस से बात करते हुए दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 के असली मुद्दे से ध्यान भटकाने का तरीका है। "मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट 2.0 के वास्तविक मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए सिर्फ एक डिबेट है।

 भारद्वाज ने आईएएनएस से कहा, "केंद्र सरकार इंडिया ब्लॉक की बढ़ती लोकप्रियता और पदचिह्नों से डरी हुई है और इस सत्र में समय से पहले चुनाव कराने पर जोर दे सकती है।"


उधर एक राष्ट्र, एक चुनाव पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "यह केवल संविधान में संशोधन से संभव नहीं है, इसके लिए राज्यों को स्वीकृति देनी होगी। जो बीजेपी शासित राज्य हैं- जैसे हरियाणा, महाराष्ट्र वहां उन्हें बस एक प्रस्ताव पारित करना है और विधानसभा भंग हो जाएगी।"

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर बनी कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया नियमों और परंपराओ से चलती है... लेकिन अपना कार्यकाल पूरा कर चुके राष्ट्रपति सरकार के प्रति जवाबदेह हो या सरकार द्वारा गठित किसी कमेटी के अध्यक्ष बने हो ऐसा मुझे याद नहीं आता है। आखिर क्यों?


वन नेशन वन इलेक्शन पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, " इस मुद्दे पर एक कमेटी बनी  है, मैं पूछती हूं कि कमेटी महिलाओं की सुरक्षा, किसानों के अधिकारों, महिला आरक्षण, बेरोजगारी पर कब बनेगी? 3 कमेटी रिपोर्ट पहले ही आ चुकी हैं और वे कमेटी रिपोर्ट कहती हैं कि 5 संशोधन करने पड़ेंगे।"

वहीं संजय राउत ने कहा कि मुझे लगता है कि ये एक चुनाव आगे करने के लिए एक साजिश है, ये लोग चुनाव नहीं कराना चाहते...ये लोग INDIA से डर गए हैं, इनके मन में डर है इसलिए नया-नया फंडा लेकर आते हैं।


बता दें कि, केंद्र की बीजेपी सरकार अपने 'वन नेशन वन इलेक्शन' एजेंडे के साथ एक कदम और आगे बढ़ने जा रही है। सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। 

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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