'केवल कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी जम्मू कश्मीर की पीड़ा को समझ सकते हैं', अपनी किताब में महबूबा मुफ्ती

मुफ्ती ने इसमें अपने निबंध में लिखा है कि ‘भारत के विचार’ को बचाने का रास्ता जम्मू कश्मीर से होकर जाता है जो अपने आप में ‘लघु भारत’ है और जहां विभिन्न धर्मों के लोग सदियों से शांतिपूर्ण तरीके से साथ-साथ रहे हैं।

केवल कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी जम्मू कश्मीर की पीड़ा को समझ सकते हैं: महबूबा मुफ्ती
केवल कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी जम्मू कश्मीर की पीड़ा को समझ सकते हैं: महबूबा मुफ्ती
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पीटीआई (भाषा)

 पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक नई किताब में लिखा है कि जम्मू कश्मीर को किस पीड़ा और दुविधा में धकेला गया है, उसे केवल कांग्रेस और खासतौर पर राहुल गांधी ही समझ सकते हैं। ‘भारत जोड़ो यात्रा: रिक्लेमिंग इंडियाज सोल’ शीर्षक वाली यह पुस्तक निबंधों का एक संग्रह है जिसका विमोचन शुक्रवार को किया गया।

मुफ्ती ने इसमें अपने निबंध में लिखा है कि ‘भारत के विचार’ को बचाने का रास्ता जम्मू कश्मीर से होकर जाता है जो अपने आप में ‘लघु भारत’ है और जहां विभिन्न धर्मों के लोग सदियों से शांतिपूर्ण तरीके से साथ-साथ रहे हैं।

पुस्तक पाठकों को राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराती है जिसमें सितंबर 2022 से जनवरी 2023 तक 4,000 किलोमीटर की देशव्यापी यात्रा की गई थी।

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने अपने निबंध ‘भारत जोड़ो: रेस्टोरिंग कश्मीरियत, जम्हूरियत’ में राहुल गांधी की प्रशंसा की है। इसे उन्होंने अपनी बेटी इल्तिजा मुफ्ती के साथ लिखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के हर कोने में लोग थोड़ा बदलाव महसूस कर रहे हैं। अगर कोई इतिहास के पन्ने पलटे, तो शायद केवल कांग्रेस, खासकर आरजी (राहुल गांधी) ही हैं, जो जम्मू-कश्मीर के दर्द और दुविधा को समझ सकते हैं।’’


मुफ्ती ने लिखा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि यदि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन 2024 के चुनाव में जीतता है तो वह मेरे लोगों के घावों को भरने का प्रयास करेगा।’’

पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में कांग्रेस के साथ घटक दल की तरह शामिल है। गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच केंद्रशासित प्रदेश में सीटों के बंटवारे पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘न केवल एक कश्मीरी के नाते, बल्कि मुख्यधारा की नेता होने के नाते, जिसने तीन दशक पहले राजनीति के उतार-चढ़ाव को अपनाया, मैंने जम्मू-कश्मीर में ऐसी निराशा और हताशा पहले कभी नहीं देखी। लोग अपनी पहचान, जमीन और नौकरियों को लेकर असुरक्षा की गंभीर भावना से ग्रस्त हैं।”

मुफ्ती ने कहा, ‘‘ऐसी संकटपूर्ण परिस्थितियों में, कोई भी यह नहीं बता सकता कि राज्य भर में लोगों की पीड़ा को कम करने में कांग्रेस कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि व्यक्तिगत और राजनीतिक स्तर पर जवाहरलाल नेहरू के अथक प्रयासों ने ही जम्मू कश्मीर का भारत में विलय सुनिश्चित किया।’’


उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समय राहुल गांधी से अपने संवाद का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मैंने पहले भी राहुल गांधी से बात की है लेकिन इस बार मैंने उनका पूरी तरह अलग पक्ष देखा। हमने कई विषयों जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों शामिल थे, पर बात की और मैंने उन्हें अच्छा जानकार पाया। मुझे हैरानी होती है कि उन्हें गलत तरह से एक अनजान राजनेता पेश करने में बीजेपी का कितना पैसा और ऊर्जा बर्बाद होती है।’’

‘हार्पर कॉलिन्स इंडिया’ द्वारा प्रकाशित किताब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीआई नेता डी राजा, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे और मेधा पाटकर के भी आलेख हैं। इसका संपादन पुष्पराज देशपांडे और रुचिरा चतुर्वेदी ने किया है।

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