राज्यसभा में मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर अड़ा विपक्ष, सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित

मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा को शुरुआती कामकाज के बाद फिर से स्थगित करना पड़ा। शुक्रवार को राज्यसभा में कौशल विकास, श्रम, वस्त्र, रक्षा, कृषि, पशुपालन आदि से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

फोटो: राज्यसभा
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नवजीवन डेस्क

मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा को शुरुआती कामकाज के बाद फिर से स्थगित करना पड़ा। शुक्रवार को राज्यसभा में कौशल विकास, श्रम, वस्त्र, रक्षा, कृषि, पशुपालन आदि से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। हालांकि शुरुआती कामकाज के बाद विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर से मणिपुर का मुद्दा सदन में उठाया जिसके बाद शुरू हुए शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

कांग्रेस समेत अनेक विपृक्षी दल राज्यसभा में मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए विपक्ष के विभिन्न सांसदों ने नोटिस भी दिया है। अधिकांश विपक्षी सांसदों का कहना है कि राज्यसभा में मणिपुर विषय पर चर्चा नियम 267 के तहत कराई जाए।

हालांकि सरकार इस पर शॉर्ट डिस्कशन के लिए तैयार है। इसी गतिरोध के कारण में एक बार फिर हंगामा शुरू हुआ और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।


शुक्रवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मणिपुर का विषय उठाया। उन्होंने कहा कि पूरा देश मणिपुर में हो रही हिंसा की वजह से शर्मिंदा हो रहा है। इसके बाद कई अन्य सांसदों ने भी इस विषय को उठाया और संसद में हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद राज्यसभा सभापति ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी।

आरजेडी से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने मणिपुर की घटना को लेकर राज्यसभा सभापति को लिखा है कि "मैं दो महीने से अधिक समय से चल रही जातीय हिंसा पर चर्चा के लिए राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 267 के तहत सदन के कार्य को स्थगित करने का प्रस्ताव लाना चाहूंगा।"


आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने अपने लिखित अनुरोध में कहा कि सरकार की विफलता के कारण मणिपुर राज्य में कानून और व्यवस्था के टूटने पर चर्चा के लिए 21 जुलाई 2023 के लिए मैं नियम 267 के तहत नोटिस देता हूं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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