विपक्ष ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का लगाया आरोप, मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने का किया ऐलान

दिल्ली के प्रेस क्लब में विपक्षी दलों के नेताओं ने ‘लोकतंत्र बचाओ’ नाम से प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के सीएम चांद्रबाबू नायडू शामिल हुए।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली के प्रेस क्लब में विपक्षी दलों के नेताओं ने ईवीएम और वीवीपैट के मुद्दे पर संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। साथ ही इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का ऐलान किया। विपक्षी दलों का आरोप है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है, और यही वजह है कि वीवीपैट से गलत नामों की पर्चियां निकल रही हैं।

विपक्ष दलों के नेताओं ने ‘लोकतंत्र बचाओ’ नाम से प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के सीएम चांद्रबाबू नायडू शामिल हुए। प्रेस से बात करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेकमनु सिंघवी ने कहा कि ईवीएम में वोट डालने के लिए जब बटन दबाया गया तो उसके साथ लगी वीवीपैट मशीन से निकली पर्ची सिर्फ 3 सेकंड के लिए ही नजर आईं। सिंघवी ने कहा कि इसे बढ़ाकर 7 सेकंड किया जाना चाहिए, क्योंकि यह समय बेहद कम है।

सिंघवी ने कहा कि पहले चरण के मतदान के दौरान कई जगहों पर ईवीएम को लेकर शिकायतें आई हैं। उन्होंनेकहा कि एक शिकायत के मुताबिक, एक व्यक्ति जिस पार्टी को वोट दिया, वीवीपैट से निकली पर्ची पर उस पार्टी के बजाय किसी दूसरी पार्टी का नाम निकलकर आया। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है। सिंघवी ने कहा, “चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर हम वीवीपैट से निकलने वाली पर्चियों की गिनती करेंगे तो इसमें 5 दिन से ज्यादा वक्त लग जाएगा। ऐसे में हमने आयोग से कहा है कि वे अपनी टीम बढ़ाएं, क्योंकि इसमें 5 दिन का वक्त नहीं लगना चाहिए।”

वहीं, प्रेस से बात करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मशीनों में कोई गड़बड़ी नहीं है, बल्कि उनके साथ छेड़छाड़ की गई है। केजरीवाल ने कहा कि ईवीएम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बटन दबाने पर सिर्फ बीजेपी को ही वोट जाता है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि वे इंजीनियर हैं, ऐसे में वे इन चीजों को अच्छी तरह से समझते हैं।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विपक्ष ने मतदाता सूची से मतदाओं के नाम गायब होने का मुद्दा भी उठाया। टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि तेलंगाना में तकनीक का गलत इस्तेमाल कर 25 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि वोटिंग संख्या और मतगणना में आए मतदाताओं की संख्या अलग कैसे हो सकती है।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें मतदातओं पर भरोसा है, लेकिन मशीन पर नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा कि ईवीएम को 12 से 24 घंटे के लिए हमें दे दिया जाए, हम चुनाव आयोग के बता देंगे कि ईवीएम के साथ कैसे छेड़छाड़ की जाती है। प्रेस कांफ्रेस में विपक्षी दलों में इस बात पर सहमति बनी की इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले जाया जाएगा। कपिल सिब्बल ने कहा कि जल्द ही हम इन मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करेंगे।

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Published: 14 Apr 2019, 3:45 PM