हार्दिक पटेल ने थामा कांग्रेस का हाथ, जानिए कौन हैं सिर्फ 22 साल की उम्र में गुजरात को हिला देने वाले हार्दिक

हार्दिक पटेल 2015 में ‘पटेल नव निर्माण सेना’ के गठन के बाद गुजरात में हुए पाटीदार आन्दोलन के बाद पटेल सामाज के एक उभरते नेता के रूप में सामने आये थे।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अहमदाबाद में कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक के दौरान आज गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस बैठक में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए की चेयर पर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी की महा सचिव प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद रहे। हार्दिक के कांग्रेस ज्वाइन किये जाने को लेकर पिछले कुछ दिनों से कयास लगाए जा रहे थे।

कौन हैं हार्दिक पटेल

गुजरात के पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल का जन्म 20 जुलाई 1993 को गुजरात के एक पाटीदार परिवार में हुआ था। हार्दिक के पिता का नाम भरत पटेल और माता का नाम उषा पटेल है। 2004 में अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए हार्दिक के पिता परिवार के साथ विरंगम चले गए थे। बचपन से ही हार्दिक की पढ़ाई में कोई खास रूचि नहीं थी। विरंगम के दिव्य ज्योति स्कूल से 11वीं तक पढ़ाई करने के बाद, केबी शाह विद्या मंदिर से 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद सहजानंद कॉलेज से 50% अंकों के साथ बी-कॉम की डिग्री ली।

राजनैतिक सफर

गुजरात में पटेल समाज के हालातों को देखते हुए साल 2012 में हार्दिक पाटीदार समाज के युवा वर्ग का हिस्सा बने और महज एक महीने के भीतर ही विरंगम यूनिट के अध्यक्ष बन गए। हालांकि ग्रुप के एक वरिष्ट नेता से विवाद के बाद हार्दिक को संस्था से निकाल दिया गया ।

9 सितम्बर 2015 को पाटीदार, कुर्मी और गुज्जर समाज के लोगों को ओबीसी में शामिल कराने और उन्हें सरकारी नौकरियों में लाभ दिलाने के लिए हार्दिक ने ‘पटेल नव निर्माण सेना’ का गठन किया और यहीं से ही हार्दिक का राजनैतिक सफर शुरू हुआ। हार्दिक ने गुजरात में रैलियां करनी शुरू कर दीं। उनके दमदार भाषणों को सुनकर उनके समर्थकों की संख्या बढ़ने लगी।

इस तरह हार्दिक पटेल 2015 में हुए पाटीदार आन्दोलन के दौरान पटेल सामाज के एक उभरते नेता के रूप में सामने आये। हार्दिक को गुजरात में दंगे भड़काने के और भारत के राष्ट्रीय झंडे का अपमान करने के लिए आईपीसी की कई धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी को लेकर हार्दिक के समर्थकों ने शहर में आगजनी शुरु कर दी। गुजरात के हालात इतने ज्यादा हिंसक हो गए कि राज्य सरकार को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा।

पाटीदार आन्दोलन के दौरान हार्दिक के पिता भरत पटेल भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे और उन्होंने उस समय की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से मिलकर इस मामले को सुलझाने की कोशिश भी की थी।

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