गाजीपुर बॉर्डर पर फोन और ट्रैक्टर की बैटरी हो रही चोरी, चोरों को पकड़ने के लिए किया गया ये उपाय

कृषि कानून के विरुद्ध पिछले 83 दिनों से पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर पर युवाओं ने टैंट के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाना शुरू कर दिया है।

फोटो: IANS
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आईएएनएस

कृषि कानून के विरुद्ध पिछले 83 दिनों से पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर पर युवाओं ने टैंट के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि जब युवाओं से पूछा गया कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा कि लगातार फोन और ट्रैक्टर की बैटरी चोरी होने की सूचनाएं मिल रही हैं, जिसके कारण ये कदम उठाया जा रहा है।

दरअसल बॉर्डर पर काफी सारे टेंट लगे हुए हैं और उनमें हर वर्ग के लोग शामिल हैं, चाहे वे युवा हों या बुजुर्ग सभी अलग अलग टेंट में सोते हैं, हालांकि हर दिन दो चार किसान नए आते हैं और फिर कुछ दिन बाद दूसरे किसान आजाते हैं।

बॉर्डर पर तमाम टैंट बनाये गए हैं, वहीं किसान ट्रैक्टर के माध्यम से अपने अपने गांव से आ रहे हैं। ट्रैक्टरों को बॉर्डर पर ही सड़क किनारे खड़ा कर दिया जाता है। कुछ ट्रैक्टर तो बॉर्डर पर पहले दिन से खड़े हुए हैं तो कुछ हर दिन आते जाते रहते हैं।

बीते कुछ दिनों में बॉर्डर पर किसानों के अनुसार 15 से 20 फोन चोरी होनी की सूचनाएं प्राप्त की गई हैं, इसकी रोकथाम के लिए कुछ नौजवानों ने अपने सोने वाली जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगा लिए हैं। वहीं भविष्य में और भी कैमरे लगाए जाएंगे।


दरअसल बॉर्डर पर किसानों ने अपनी सुरक्षा के लिए बैरिकेड लगा रखे हैं, और वहीं आंदोलन स्थल पर पहुंचने वाले लोगों से पूछताछ भी होती है। जो अपनी पहचान नहीं बता पाता है उसे वहीं से लौटा दिया जाता है।

दूसरी ओर किसानों द्वारा बनाये गए वॉलेंटियर्स के हाथों में वॉकी टॉकी दे रखा है, ताकि हर वक्त का अपडेट और स्थिति के बारे में एक दूसरे को बता सकें।

हालांकि ये सोचने का विषय है कि जब स्थानीय लोगों को बॉर्डर पर आने की इजाजत नहीं है तो आखिर इस तरह की घटनाओं को कौन अंजाम दे रहा है ?

यूथ क्लब चंद्रा फार्म के बैनर तले उत्तरप्रदेश के अमरोहा से आए दिलप्रीत सिंह सिद्धू ने बताया कि, "हर दिन चोरियां हो रही हैं, कभी ट्रैक्टरों की बैटरी चोरी हो रही है, इसलिए हमने अपनी क्लब की ओर से ये कैमरे लगाए हैं। इससे हमारे किसान भाइयों के सामान की सुरक्षा हो।"

"अब तक 15 से 20 फोन चोरी हो चुके हैं और भविष्य में और कैमरे लगाने के लिए 30 सीसीटीवी कैमरे मंगाए हैं।"

किसानों की सुरक्षा में दिन रात पुकिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं, वहीं बॉर्डर पर जब भी कोई संदिग्ध व्यक्ति पाया जाता है तो पुलिस उससे भी पूछताछ करती है।


सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। दूसरी ओर फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार हैं, लेकिन अभी तक बातचीत की टेबल पर नहीं आ पाए हैं।

दरअसल तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं।

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Published: 16 Feb 2021, 7:00 PM