'पीएम मोदी, उनका मित्र मीडिया गरीबों और किसानों के दुश्मन, बात बजट की नहीं, नीयत की है', MSP को लेकर राहुल गांधी

कांग्रेस नेता ने कहा, “इतिहास गवाह है कि कांग्रेस बड़े और क्रांतिकारी कदम लेने से कभी डरी नहीं है। हरित क्रांति हो, बैंक राष्ट्रीयकरण हो, पब्लिक सेक्टर्स का निर्माण हो या फिर आर्थिक उदारीकरण, हमारे फैसलों ने हमेशा देश के भविष्य की नींव रखी है।“

राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी गरीबों और किसानों के दुश्मन हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी गरीबों और किसानों के दुश्मन हैं।
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रवि प्रकाश @raviprakash24

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों और देश के गरीब लोगों को लेकर पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी गरीबों और किसानों के दुश्मन हैं। राहुल ने कहा कि कांग्रेस कभी भी बड़े क्रांतिकारी कदम लेने से नहीं डरी है और हमारी पार्टी फैसले राजनीति के लिए नहीं, देश के लिए करती है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “मोदी, उनका प्रचारतंत्र और मित्र मीडिया गरीबों और किसानों के दुश्मन हैं। जब बात भारत बनाने वालों के हित की आती है तो ‘सरकारी एक्सपर्ट्स’ को बजट की चिंता सताने लगती है, पर बात बजट की नहीं, नीयत की है।“

राहुल ने आगे लिखा, “उद्योगपति मित्रों के लाखों करोड़ों के ऋण और टैक्स माफी पर चुप, उन्हें जल, जंगल और ज़मीन भेंट किए जाने पर चुप, PSUs को औने पौने दाम पर बेचे जाने पर चुप। पर किसानों को MSP की गारंटी, गृहलक्ष्मियों को सम्मान और अग्निवीरों को पेंशन देने की बात पर - सवाल ही सवाल।“


कांग्रेस नेता ने कहा, “इतिहास गवाह है कि कांग्रेस बड़े और क्रांतिकारी कदम लेने से कभी डरी नहीं है। हरित क्रांति हो, बैंक राष्ट्रीयकरण हो, पब्लिक सेक्टर्स का निर्माण हो या फिर आर्थिक उदारीकरण, हमारे फैसलों ने हमेशा देश के भविष्य की नींव रखी है।“

एमएसपी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा, “आज हर किसान को MSP दिलाना वक्त की मांग है और कांग्रेस का यह फैसला भी मील का पत्थर साबित होगा। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था समेत देश के करोड़ों किसान परिवारों का जीवन बदल कर रख देगा।“

राहुल गांधी ने अंत में लिखा, “हम फैसले राजनीति के लिए नहीं, देश के लिए करते हैं।“

बता दें कि अपनी मांगो को लेकर किसान एकबार फिर से सड़कों पर हैं। किसानों का आरोप है कि सरकार ने जो वादे किए थे उसे पूरा नहीं किया गया, जिसकी वजह से उन्हें फिर से प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा। उनकी सबसे महत्वपूर्ण मांगो में से एक एमएसपी है। किसान इन्हीं मांगो को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान नेताओं और सरकार के बीच दो दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकला है।

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