पीएम मोदी ने मोहम्मद यूनुस से की मुलाकात, तनावपूर्ण संबंधों के बीच बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हुई बैठक
दोनों नेताओं के बीच यह बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि हाल ही में यूनुस चीन की यात्रा करके लौटे हैं। वहां उन्होंने भारत को असहज करने वाले बयान दिए थे, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक की। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार पतन के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता के बांग्लादेश की कमान संभालने के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है। दोनों नेताओं ने बहु-क्षेत्रीय और तकनीकी सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) समूह के नेताओं की शिखर बैठक से इतर यह मुलाकात की।
इस बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। बांग्लादेश बिम्सटेक समूह का आगामी अध्यक्ष है। बैठक के बाद, यूनुस के कार्यालय ने एक्स पर लिखा, "मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बैंकॉक, थाईलैंड में छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के अवसर पर एक द्विपक्षीय बैठक में शामिल हुए।"
शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन और उनके भारत भाग आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंध सहज नहीं रहे हैं। यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार को अल्पसंख्यकों समुदाय पर हो रहे हमलों के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। भारत ने इस मुद्दे पर बांग्लादेश के साथ अपनी चिंताओं को बार-बार साझा किया है।
दोनों नेताओं के बीच यह बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि हाल ही में यूनुस चीन की यात्रा करके लौटे हैं। वहां उन्होंने भारत को असहज करने वाले बयान दिए थे, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। यूनुस ने बीजिंग से बांग्लादेश में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाने को कहा और विवादास्पद रूप से इस बात का उल्लेख किया कि इस संबंध में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का चारों ओर जमीन से घिरा होना एक अवसर साबित हो सकता है।
यूनुस ने कहा था, ‘‘भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य चारों ओर से जमीन से घिरे क्षेत्र हैं। उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।’’ बांग्लादेश को इस क्षेत्र में ‘‘महासागर का एकमात्र संरक्षक’’ बताते हुए यूनुस ने कहा कि यह एक बड़ा अवसर हो सकता है और चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार किया जा सकता है। भारत ने इस टिप्पणी की निंदा की थी और बांग्लादेश के अधिकारियों ने यूनुस के बयान पर स्पष्टीकरण जारी किया था।
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने के बाद से यूनुस का रवैया चीन के प्रति खासा नरम रहा है। तनावपूर्ण राजनीतिक माहौल के बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर यूनुस को पत्र लिखा था। उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में यह पत्र लिखा और दोनों देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने रविवार (30 मार्च) को मस्कट में हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों के अपने समकक्षों के साथ कई बैठकें कीं।
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