एंटीगुआ के पीएम का दावा, चोकसी पर भारत ने नहीं किया संपर्क, स्वामी ने पूछा, ‘गोल्ड बिस्किट’ का असर तो नहीं?

भारत सरकार ने चोकसी को नागरिकता दिए जाने को लेकर एंटीगुआ की सरकार से अभी तक कोई संपर्क नहीं किया है। इस बात की जानकारी खुद एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने दी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पीएनबी बैंक घोटाले में फरार मेहुल चोकसी के एंटीगुआ की नागरिकता लेने के मामले में भारत सरकार सवालों के घेरे में आ गयी है। मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने चोकसी को नागरिकता दिए जाने को लेकर एंटीगुआ की सरकार से अभी तक कोई संपर्क नहीं किया है। यही नहीं ये भी खुलासा हुआ है कि चोकसी ने कैरीबियाई देश की नागरिकता के लिए पिछले साल अगस्त में ही आवेदन किया था। इस बात की जानकारी खुद एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने दी है।

एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए मेहुल चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता दिए जाने के सवाल पर गैस्टन ब्राउन ने कहा कि भारत सरकार ने अब तक मेहुल चोकसी को लेकर उनसे संपर्क नहीं किया है। ब्राउन ने कहा कि चोकसी को उस समय नागरिकता मिली थी, जब उनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं था। हालांकि ब्राउन ने ये भी कहा कि अगर आवेदन में चोकसी ने कोई गलत जानकारी दी होगी तो उनकी नागरिकता समाप्त हो सकती है। उन्होंने इस मामले पर पूरा सहयोग करने का वादा किया है। बता दें कि मेहुल चोकसी को कैरीबियाई देश की नागरिकता मिल चुकी है। चोकसी ने आवेदन करते समय बताया था कि वह राजनीतिक उत्पीड़न के कारण भारत छोड़ चुके हैं। ब्राउन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि भारत की एजेंसियों ने इंटरपोल को इस संबंध में कुछ लिखा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उनके देश ने कुछ गलत नहीं किया है।

इस मामले में भारत सरकार के रुख को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने एंटीगुआ के पीएम के दावे का हवाला देते हुए वित्त मंत्रालय और उसके सचिव हसमुख अधिया पर इशारों-इशारों में निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, यह दिलचस्प बात है कि एंटीगुआ के पीएम का कहना है कि चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए अभी तक अभियोजन एजेंसियों की ओर से वित्त मंत्रालय का कोई अनुरोध नहीं आया है। क्या ये सोने के बिस्कुट का प्रभाव है?

गौरतलब है कि देश में नोटबंदी के ऐलान से कुछ दिन पहले मोदी सरकार में वित्त सचिव हसमुख अधिया को किसी अनजान शख्स ने सोने के बिस्किट और आईफोन-7 भेजे थे। उन्होंने इस अनजान शख्स की जांच कराने के बजाय इस तोहफे को तोशाखाने में जमा कराने का दावा किया है। लेकिन तोशाखाने में ऐसी किसी भी चीज के जमा होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। अधिया उस वक्त उन चंद खास लोगों में से एक थे, जिन्हें 8 नवंबर 2016 को होने वाली नोटबंदी की जानकारी थी।

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बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक से हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अपने भांजे नीरव मोदी के साथ-साथ चोकसी भी वांछित हैं। इस प्रकर्ण के सामने आने के बाद से नीरव मोदी, उनके भाई और मामा मेहुल चोकसी परिवार सहित देश छोड़कर फरार हो गए थे।

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