POCSO Act में सजा काट रहे दोषियों को नहीं दिया जाए दया याचिका दाखिल करने का अधिकार: राष्ट्रपति कोविंद

राजस्थान के सिरोही में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘महिला सुरक्षा एक गंभीर विषय है। POCSO एक्ट के तहत रेप के दोषियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। संसद को दया याचिकाओं की समीक्षा करनी चाहिए।’

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महिला सुरक्षा को लेकर रष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि POCSO एक्ट के तहत सजा काट रहे दोषी को कसी भी रूप में माफ़ी नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दोषियों की तरफ से की जाने वाली दया याचिका के प्रावधान को भी खत्म किया जाए।

राजस्थान के सिरोही में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'महिला सुरक्षा एक गंभीर विषय है। POCSO एक्ट के तहत रेप के दोषियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। संसद को दया याचिकाओं की समीक्षा करनी चाहिए।'


बाता दें कि राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हैदराबाद रेप केस के चारो आरोपियों को हैदराबाद पुलिस ने फिल्मी तरीके से एनकाउंटर में ढेर कर दिया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों को क्राइम सीन को रीकंस्ट्रक्शन करने के लिए घटनास्थल पर ले जाया गया, जहां उन्होंने पुलिस की बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने चारों को ढेर कर दिया।

बता दें कि साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया रेप और हत्या मामले में आरोपियों को अदालत ने मौत की सजा सुना दी है। पिछले दिनों कोर्ट ने उन्हें दया याचिका दाखिल करने का समय दिया था, जिसके बाद इस केस के चार आरोपियों में से एक आरोपी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज करने के लिए गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति कोविंद से सिफारिश की है।


इस मामले में दिल्ली सरकार भी विनय की दया याचिका खारिज करने के लिए गृह मंत्रालय से सिफारिश कर चुकी है। दिल्ली सरकार ने सिफारिश में कहा था कि जघन्य अपराधी को बख्शा नहीं जा सकता। दोषी को सजा देने से समाज में एक संदेश जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना के बारे में कोई सोच भी न सके।

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