सहारनपुर में पुलिस और भीम आर्मी आमने-सामने, राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज

सहारनपुर के गांव शब्बीरपुर में दो साल पहले हुई हिंसा में दलित समुदाय की बस्ती पर हमला हुआ था, जिसमें दलितों के दर्जनों घर आग के हवाले कर दिए गए थे। इस घटना के चार दिन बाद हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भीम आर्मी ने हिंसक प्रदर्शन किया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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आस मोहम्मद कैफ

पिछले दो सालों से दलितों के बीच गहरी जज्बाती पकड़ बना चुकी भीम आर्मी के खिलाफ स्थानीय प्रशासन कड़ी कार्रवाई कर रहा है। भीम आर्मी के संयोजक चंद्रशेखर रावण हाल ही में तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं, जबकि उनके ‘सिपहसालारों’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा जा रहा है।

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दो साल पहले सहारनपुर में हुई हिंसा को आधार बनाकर भीम आर्मी के महासचिव कमल वालिया और राष्ट्रीय प्रवक्ता मंजीत नौटियाल के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसते हुए गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया है। इन दोनों पदाधिकारियों के अलावा भीम आर्मी के दो कार्यकर्ताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि सहारनपुर के गांव शब्बीरपुर में दो साल पहले हुई हिंसा में दलित समुदाय की बस्ती पर हमला हुआ था, जिसमें दलितों के दर्जनों घर आग के हवाले कर दिए गए थे। इस हमले में महिलाओं और बच्चों समेत डेढ़ दर्जन से ज्यादा दलित घायल हुए थे। इस घटना के चार दिन बाद हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भीम आर्मी ने हिंसक प्रदर्शन किया था।

जानकारी के मुताबिक भीम आर्मी द्वारा किए गए उसी हिंसक प्रदर्शन को लेकर दर्ज हुए मुकदमों के आधार पर एक गैंगचार्ट बनाया गया है। जिसमें मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने एक अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया, जबकि भीम आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव कमल सिंह वालिया जेल में ही बंद है। वहीं पुलिस के शिकंजा कसने के बाद से भीम आर्मी के पदाधिकारी और बाकी सदस्य छिप गए हैं।


बताया जाता है कि जिन पुराने मुकदमों को आधार बनाकर यह कार्रवाई हुई है, वो दो साल पहले रामनगर गांव में हुई हिंसा थी, जिसमें पुलिस ने भीम आर्मी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। उसी आधार पर पुलिस ने जिला जेल में बंद भीम आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव कमल वालिया और राष्ट्रीय प्रवक्ता मंजीत सिंह नौटियाल के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया है। इसमें शिवम उर्फ कदम निवासी लाडवा व राजन हलालपुर देहात कोतवाली को भी निरुद्ध किया गया है।

सीओ मुकेश मिश्र के अनुसार कमल सिंह वालिया एक दूसरे बवाल के मामले में जेल में बंद है, जबकी प्रवक्ता मंजीत सिंह नौटियाल ने प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक जनक टिप्पणी की थी, जिसके लिए उसे गिरफ्तार किया गया था। अब जनकपुरी थाने की ओर से इन दोनों के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। पुलिस ने इसी मामले में एक अन्य युवक शिवम उर्फ कदम को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। भीम आर्मी के एक और कार्यकर्ता राजन की पुलिस तलाश कर रही है।


इस बीच भीम आर्मी के महासचिव का जेल से लिखा हुआ एक पत्र भी वायरल हो रहा है, जिसमें भीम आर्मी महासचिव ने यह लिखकर सनसनी फैला दी है कि वो तो कल भी विद्रोही थे, आज भी है और आगे भी विद्रोही ही रहेंगे। पत्र के लेखक के नाम की जगह पर कमल सिंह वालिया और मंजीत नौटियाल लिखा हुआ है। हालांकि जेलर वीरेश शर्मा ने जेल से किसी भी प्रकार का पत्र बाहर जाने से इनकार करते हुए कहा कि यह पत्र उन्होंने पहले लिखा होगा।

पत्र में लिखा है कि संतो और महापुरुषों से उन्हें हमेशा अन्याय के विरुद्ध लड़ने की शिक्षा मिली है, जिसपर वो जीवन पर्यंत चलने के लिए तैयार हैं। उनके बताए हुए रास्ते पर ही वो चल रहे हैं। दलित युवाओं में यह पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पहले चन्द्रशेखर ने भी 19 सितंबर को जेल से इसी तरह का पत्र लिखा था, जिसमें दलित युवाओं से अन्याय के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया गया था।


भीम आर्मी के पश्चिम यूपी प्रभारी देवेंद्र सिंह के मुताबिक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं का मनोबल ध्वस्त नही कर पाएगी। अपने हक के लिए आवाज उठाना भी आज अपराध की श्रेणी में आ गया है।

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