'राफेल डील में कमीशनखोरी और रिश्वतखोरी की सच्चाई आई सामने', कांग्रेस का सवाल- किसे दिए गए करोड़ों के 'गिफ्ट'?

फ्रांस से 36 राफेल खरीदने के मामले में कथित भ्रष्टाचार पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा। दिल्ली में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। राफेल विमान डील पर कांग्रेस ने कहा कि 60 हजार करोड़ की सच्चाई सामने आई है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राफेल डील में भ्रष्टाचार से संबंधित रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। दरअसल फ्रांस के पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत-फ्रांस के बीच राफेल डील को लेकर दसॉ एविएशन ने भारत में एक बिचौलिये को 1.1 मिलियन यूरो दिए थे। बता दें कि कांग्रेस पहले भी राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है। अब इस रिपोर्ट के आने के बाद सौदे में गड़बड़ी के संकेत मिल रहे हैं, जिसको लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल पूछा है कि 60 हजार करोड़ रुपए की राफेल डील में 1.1 मिलियन यूरो के गिफ्ट किसे दिए गए?

गौरतलब है कि फ्रांस के पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत-फ्रांस के बीच राफेल डील को लेकर दसॉ एविएशन ने भारत में एक बिचौलिये को 1.1 मिलियन यूरो दिए थे। इसका खुलासा फांस की एंटी करप्शन एजेंसी ने की है, एजेंसी ने दसॉ के खातों का ऑडिट किया था, जिसमें इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में दावा है कि साल 2017 में दसॉ ग्रुप के अकाउंट से 508925 यूरो ‘गिफ्ट टू क्लाइंट्स’ के तौर पर ट्रांसफर हुए थे।


कांग्रेस राफेल सौदे को लेकर पहले से ही मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रही है। इस रिपोर्ट के आने के बाद पार्टी ने प्रेस क्रांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं। रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "इस पूरे लेन-देन को Gift to Clients की संज्ञा दी गई। अगर ये मॉडल बनाने के पैसे थे, तो इसे Gift to Clients क्यों कहा गया? क्या ये छिपे हुए ट्रांजेक्शन का हिस्सा था। ये पैसे जिस कंपनी को दिए गए, वो मॉडल बनाती ही नहीं हैं।" उन्होंने कहा, "60 हजार करोड़ रुपए के राफेल रक्षा सौदे से जुड़े मामले में सच्चाई सामने आ गई है। ये हम नहीं फ्रांस की एक एजेंसी ने खुलासा किया है।"

फ्रांस के पब्लिकेशन मीडियापार्ट के रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पांच सवाल भी पूछे हैं।

1. 1.1 मिलियन यूरो के जो क्लाइंट गिफ्ट दसॉ के ऑडिट में दिखा रहा है, क्या वो राफेल डील के लिए बिचौलिये को कमीशन के तौर पर दिए गए थे?


2. जब दो देशों की सरकारों के बीच रक्षा समझौता हो रहा है, तो कैसे किसी बिचौलिये को इसमें शामिल किया जा सकता है?

3. क्या इस सबसे राफेल डील पर सवाल नहीं खड़े हो गए हैं?


4. क्या इस पूरे मामले की जांच नहीं की जानी चाहिए, ताकि पता चल सके कि डील के लिए किसको और कितने रूपए दी गए?

5. क्या प्रधानमंत्री इस पर जवाब देंगे?


बता दें कि फ्रांस की पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने अपने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि दसॉ एविएशन ने राफेल डील के लिए भारत में एक बिचौलिये को 1.1 मिलियन यूरो (करीब 10 करोड़ रुपए) दिए थे। इसके अलावा दसॉ के 2017 में ऑडिट में 5,08,925 यूरो को Gift to Clients के तौर पर दिखाया गया है। फ्रांस की एंटी करप्शन एजेंसी के सवाल पर दसॉ ने बताया था कि उसने राफेल विमान के 50 मॉडल एक भारतीय कंपनी से बनवाए। इसके लिए एक मॉडल पर 20,000 यूरो दिए गए। हालांकि, यह मॉडल कहां और कैसे इस्तेमाल किए गए इसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया।

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Published: 05 Apr 2021, 3:07 PM