राफेल डील पर राहुल गांधी ने फिर घेरा पीएम मोदी को, ट्रोल्स को भी लिया निशाने पर

राफेल विमान सौदे को लेकर लगातार पीएम मोदी और उनकी सरकार पर हमलावर राहुल गांधी ने पीेम मोदी पर अपने कार्पोरेट दोस्त को इस डील से 1,30,000 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में ट्रोल्स आर्मी पर भी तंज कसा है।

फोटोः @INCIndia
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आसिफ एस खान

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल डील को लेकर लगातार बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। राफेल डील को लेकर संसद में केंद्र सरकार और पीएम मोदी को घेरने के साथ ही राहुल गांधी सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर निशाना साध रहे हैं। शुक्रवार को फिर एक ट्वीट के जरिये कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल डील को लेकर पीएम मोदी पर सीधा हमला बोला है। अपने ट्वीट में उन्होंने तंज कसते हुए पहले ट्रोल्स को पहले सॉरी कहा है, फिर पीएम मोदी को राफेल डील पर घेरा है। ये वो ट्रोल्स हैं जो बीजेपी के लिए सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल्स आर्मी’ का काम करते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में लिखा, “डियर ट्रोल्स, मैं अपने पिछले ट्वीट के लिए माफी मांगता हूं, जिसमें मैंने कहा था कि ‘श्रीमान 56’ के दोस्त के ज्वाइंट वेंचर को 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ‘ऑफसेट’ कॉन्ट्रैक्ट मिला। मैं इसमें 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर के यूएस राइफल के ‘लाइफ साइकल कॉन्ट्रैक्ट’ को जोड़ना भूल गया था। तो कुल वास्तविक मुनाफा 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ है।”

अपने ट्वीट में तंज कसते हुए राहुल गांधी लगातार पीएम मोदी और उनकी सरकार पर हमलावर हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने राफेल डील पर नेशनल हेराल्ड की एक खबर को ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “आखिरकार पता चल गया कि श्रीमान 56 किसी को तो प्यार करते हैं। बशर्ते वह सूट-बूट वाला हो। उस पर 45000 करोड़ का कर्ज हो। सिर्फ 10 दिन पुरानी कंपनी का मालिक हो। जिंदगी में कभी कोई एयरक्राफ्ट ना बनाया हो। उसे 4 अरब डॉलर का ठेका मिल जाएगा।”

राहुल गांधी ने इस ट्वीट के साथ नेशनल हेराल्ड की उस खबर को संलग्न किया था जिससे साबित होता है कि फ्रांस के साथ राफेल विमान डील से महज 10 दिन पहले ही उद्योगपति अनिल अंबानी ने रिलायंस डिफेंस नामक कंपनी बनाई थी। खबर के मुताबिक अनिल अंबानी ने 2015 में पीएम मोदी के फ्रांस दौरे से महज 10 दिन पहले ही अपनी कंपनी की स्थापना की थी। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन के साथ राफेल डील करने वाली रिलायंस डिफेंस लिमिटेड की स्थापना 500000 रुपये की बेहद कम पूंजी निवेश के साथ 28 मार्च 2015 को हुई थी।

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