रेलवे का निजीकरण कर गरीबों का आखिरी सहारा भी छीन रही मोदी सरकार, देश की जनता इसका करारा जवाब देगी: राहुल गांधी
मोदी सरकार देश की लाइफ लाइन कही जाने वाली रेलवे में भी निजीकरण की ओर कदम बढ़ा चुकी है। सरकार ने इसके लिए 109 जोड़ी ट्रेनों के लिए प्रस्ताव भी मांगा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर इस फैसले को लेक निशाना साधा है।
अपने पहले कार्यकाल से ही मोदी सरकार निजीकरण की राह पर है। कई बड़ी सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया गया और कई इस लाइन में हैं। यहां तक की मोदी सरकार देश की लाइफ लाइन कही जाने वाली रेलवे में भी निजीकरण की ओर कदम बढ़ा चुकी है। सरकार ने इसके लिए 109 जोड़ी ट्रेनों के लिए प्रस्ताव भी मांगा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर इस फैसले को लेक निशाना साधा है। गुरुवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि रेल गरीबों की एकमात्र जीवन रेखा है और सरकार उनसे ये भी छीन रही है। जो छीनना है, छीनिए। लेकिन याद रहे- देश की जनता इसका करारा जवाब देगी।
बता दें कि मोदी सरकार काफी समय से रेलवे में निजीकरण पर काम कर रही है। फिलहाल देश में 3 जोड़ी निजी ट्रेनें चल रही हैं। अब रेल मंत्रालय ने 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (RFQ) मांगा है।
इससे पहले भी केंद्र सरकार की ओर से कुछ सरकारी संस्थाओं के निजीकरण करने की कोशिश की गई, जिसपर राहुल गांधी अक्सर हमलावर रहे हैं। फिर चाहे अब रेलवे हो या फिर पहले एयर इंडिया को बेचने की बात हो। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं और विपक्षी पार्टियों ने भी मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
आज तक की खबर के मुताबिक इन ट्रेनों को भारतीय रेलवे के ड्राइवर और गार्ड ऑपरेट करेंगे। रेलवे के ये 109 जोड़ी सभी ट्रेनें भारत में निर्मित होंगी। जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। निजी कंपनियों की गाड़ियों के वित्तपोषण, खरीद, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी।
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