संविधान को खत्म करना चाहते हैं BJP और RSS के लोग, सब की भागीदारी जानने के लिए जाति जनगणना जरूरी; पटना में राहुल गांधी

हाथ में संविधान की प्रति लिए उसे दिखाते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आंबेडकर जी ने इसे दिया जिसे वह खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा कहना है कि प्रतिनिधित्व जितना ही जरूरी है उतनी ही भागीदारी भी।’’

स्वतंत्रता सेनानी एवं दलित नेता जगलाल चौधरी की जयंती के अवसर पर पटना में आयोजित एक समारोह में राहुल गांधी
स्वतंत्रता सेनानी एवं दलित नेता जगलाल चौधरी की जयंती के अवसर पर पटना में आयोजित एक समारोह में राहुल गांधी
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर संविधान को खत्म करने की मंशा रखने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान को माथा टेक कर और आरएसएस के लोग आंबेडकर के प्रति सम्मान का दिखावा कर लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं।

स्वतंत्रता सेनानी एवं दलित नेता जगलाल चौधरी की जयंती के अवसर पर पटना में आयोजित एक समारोह में राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आपने मुझे बुलाया, आप कह रहे थे कि दिल्ली का चुनाव है। हां, दिल्ली का चुनाव है। वह अपनी जगह पर है मगर यह भी समारोह बहुत जरूरी है, तो मैं वोट डालकर सीधा यहां आ गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आप (दलितों) लोगों के इतिहास का कोई उल्लेख नहीं है। क्या देश में दलित प्रोफेसर परीक्षा के प्रश्नपत्र तैयार कर रहे हैं।’’

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘ देश की 200 बड़ी कंपनियों के मालिकों में एक ओबीसी, आदिवासी और दलित नहीं है। पूरा का पूरा पैसा आपकी जेब से स्थानांतरित हो रहा है और फिर भी आप गरीब हो।’’

राहुल ने कहा, ‘‘मोदी जी ओबीसी की बात करते रहते हैं। देश का बजट 90 अधिकारी बनाते हैं और उनमें केवल तीन ही दलित हैं। आपकी आबादी 15-16 प्रतिशत है और 90 अधिकारियों में से केवल तीन अधिकारी आपके समुदाय से हैं और उन तीन अधिकारियों को छोटे-छोटे विभाग दे रखे हैं।’’


कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अब इसका उपाय क्या है। सबसे पहले यह पता लगाना है कि किसकी कितनी आबादी है और किसको कितनी भागीदारी मिल रही है। इसका पता लगाने का एक ही उपाय है जातीय जनगणना और यह बिहार वाला जातीय जनगणना जो है, मैं इसकी बात नहीं कर रहा हूं, जातीय जनगणना देखना है तो तेलंगाना वाला देख लीजिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जाति जनगणना केवल सर्वेक्षण नहीं है। जाति जनगणना हमें यह बता देगा की दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग, सामान्य वर्ग तथा सामान्य वर्गों में गरीब कौन है। उसके बाद हम हिंदुस्तान की सारी संस्थाओं की सूची निकालेंगे, चाहे वह न्यायपालिका, नौकरशाही, मीडिया, उद्योग जगत हो, इनमें दलित, पिछड़ों और आदिवासियों की कितनी भागीदारी है इसका पता लग जाएगा।’’

राहुल ने कहा, ‘‘मैं ऐसा दिन देखना चाहता हूं कि हिंदुस्तान की हर संस्था और तंत्र में नेतृत्व के स्तर पर दलित, आदिवासी और पिछड़े लोग दिखें। मैं वह दिन देखना चाहता हूं कि जब हिंदुस्तान की शीर्ष दस कंपनियों के मालिक दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग से हों और मैं उसके लिए लड़ रहा हूं तथा आगे भी लड़ता रहूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग जगत की बात करें तो नरेन्द्र मोदी जी ने देश के 25 सबसे अमीर लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया... यह दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का धन है। देश में 100 रुपये में दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग सभी को मिलाकर हिस्सेदारी 6.10 रुपये है और इसे भी वो छीनने की कोशिश कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लड़ाई हिंदुस्तान में विचारधारा की है। एक तरफ आरएसएस भाजपा और दूसरी तरफ आंबेडकर जी, महात्मा गांधी, जगलाल चौधरी जी। तो यह विचारधारा की लड़ाई चल रही है।‘‘


हाथ में संविधान की प्रति लिए उसे दिखाते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आंबेडकर जी ने इसे दिया जिसे वह खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा कहना है कि प्रतिनिधित्व जितना ही जरूरी है उतनी ही भागीदारी भी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल संसद में भी मैंने भागीदारी और जातीय जनगणना की बात की है और उसके बाद प्रधानमंत्री ने जवाब दिया पर उनके जवाब में जाति जनगणना को लेकर एक शब्द भी क्या आपने सुना क्योंकि नरेन्द्र मोदी, आरएसएस और बीजेपी जातीय जनगणना नहीं करना चाहती। ऐसा इसलिए कि वे देश की सच्चाई आपको बताना नहीं चाहते हैं। पर मैंने निर्णय ले लिया है कि चाहे जो कुछ भी हो जाए देश के दलित, पिछड़ा और आदिवासियों को उनकी सच्ची भागीदारी दिखाना चाहता हूं।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘देश में दलित, आदिवासियों और पिछड़ों को कहीं भी भागीदारी नहीं मिल रही है और जैसे ही आपके आंकड़े सचमुच में देखेंगे, हिंदुस्तान की असलियत हर एक नागरिक और इन समुदाय के लोग सभी समझ जाएंगे और फिर एक नयी तरह की राजनीति और नए तरीके का विकास शुरू होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बिहार के दलित और पूरे देश के दलितों को कहना चाहता हूं कि यह जो संविधान है, यह आंबेडकर और गांधी जी की देन है। संविधान में आपके हजारों साल का दर्द छुपा है। जो आपके साथ अपमान किया गया, जो आपको दबाया गया वह सब इसके भीतर है और यही आपको एक नया भविष्य दे सकता है और बचा सकता है तथा यही आपको देश में सच्ची भागीदारी दे सकता है, इसीलिए बीजेपी और आरएसएस के लोग इसको खत्म करना चाहते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि जब तक यह संविधान है उस दिन तक देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को नहीं दबाया जा सकता है।’’


कांग्रेस नेता ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘यह इस पर सामने से प्रहार नहीं करते हैं। लोगों के सामने मोदी जी इसे माथा टेकते हैं। आंबेडकर जी के सामने आरएसएस के सभी नेता आजकल हाथ जोड़ते हैं पर हाथ जोड़ते वक्त जिस चीज के लिए आंबेडकर जी लड़े, जिसके लिए उन्होंने अपना जीवन दे दिया उसे रद्द करते हैं, उस पर आक्रमण करते हैं और उसको खत्म करने की कोशिश करते हैं।’’

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