राहुल ने आदिवासी-बहुल नंदुरबार में जातिगत गणना, आर्थिक सर्वेक्षण का किया वादा, बोले- हमारे पास प्रत्येक जाति...

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के गुजरात से महाराष्ट्र में प्रवेश करने के बाद आदिवासी-बहुल नंदुरबार जिले में उन्होंने कहा कि भारत की आबादी में आदिवासियों की आठ प्रतिशत हिस्सेदारी है और कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी।

फोटो: PTI
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी की सरकार बनती है, तो वह जातिगत गणना और आर्थिक एवं वित्तीय सर्वेक्षण कराएगी तथा बीजेपी नीत शासन में ‘कमजोर’ हुए वन अधिकार अधिनियम को भी मजबूत करेगी।

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के गुजरात से महाराष्ट्र में प्रवेश करने के बाद आदिवासी-बहुल नंदुरबार जिले में उन्होंने कहा कि भारत की आबादी में आदिवासियों की आठ प्रतिशत हिस्सेदारी है और कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें विकास में उनकी जनसंख्या के अनुरूप हिस्सा मिले।

उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासी आबादी वाले गांवों को "संविधान की छठी अनुसूची" में शामिल करेगी, ताकि स्थानीय स्तर के फैसले आदिवासियों की सहमति के बिना लागू नहीं किए जा सकें।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम सत्ता में आएंगे, तो कांग्रेस देशभर में जातिगत गणना और आर्थिक एवं वित्तीय सर्वेक्षण कराएगी। यह एक क्रांतिकारी कदम होगा... हमारे पास प्रत्येक जाति और जनसंख्या में उसके प्रतिनिधित्व का सटीक आंकड़ा होगा।’’


कांग्रेस नेता ने कृषि एवं वन उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी प्रदान करने के वास्ते एक कानून लाने का भी वादा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ ने वन अधिकार अधिनियम या भूमि अधिग्रहण अधिनियम जैसे कानूनों को कमजोर कर दिया। हम न केवल उन्हें मजबूत करेंगे, बल्कि यह सुनिश्चित करेंगे कि आदिवासियों के दावों का निपटारा एक साल के भीतर किया जाए।’’

राहुल ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने वन अधिकार अधिनियम के तहत हजारों दावों को गलत तरीके से खारिज कर दिया और आदिवासियों को जंगल में जाने से वंचित कर दिया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ दल भारत में आदिवासी या जनजातीय आबादी के लिए 'वनवासी' शब्द का इस्तेमाल करता है, ताकि अन्य जातियों के लोगों के आगमन से पहले के उनके अस्तित्व को नकारा जा सके।

राहुल ने कहा, ‘‘आदिवासी' का मतलब है कि आप इस जमीन, जल और जंगल के मूल मालिक हैं। 'वनवासी' शब्द में ऐसे उत्तराधिकार का बोध नहीं होता है। भाजपा आपको 'वनवासी' कहती रहती है, लेकिन आपके जंगलों को नष्ट कर देती है और अडाणी को दे देती है। जनसंख्या में आपकी हिस्सेदारी लगभग आठ प्रतिशत है, लेकिन क्या प्रमुख कॉरपोरेट घरानों या इन निजी कंपनियों में वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर आपका कोई प्रतिनिधित्व है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश के बजट को आवंटित करने वाले 90 आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारियों में से केवल एक अधिकारी आदिवासी है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि बजट में खर्च किये गये 100 रुपये में, आदिवासी अधिकारी केवल 10 पैसे के उपयोग के बारे में निर्णय ले सकता है।


गुजरात से यात्रा के गुजरने के दौरान प्राप्त कुछ जानकारियों के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि का 25 प्रतिशत हिस्सा आदिवासियों, दलितों और पिछड़े समुदायों का है। यह कैसा विकास हो रहा है कि आपकी ज़मीन छीनी जा रही है?’’

उन्होंने दावा किया कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने चुनिंदा कॉरपोरेट घरानों का कर्ज माफ कर दिया, लेकिन आदिवासियों को ऐसी कोई राहत नहीं दी गई।

राहुल ने कहा, "मोदी सरकार ने 16 लाख करोड़ रुपये के कॉरपोरेट ऋण माफ कर दिए हैं। यह 24 वर्षों के लिए मनरेगा के परिव्यय के बराबर है। एक वर्ष में, मनरेगा पर 65,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं।"

उन्होंने दावा किया कि अंबानी और अडाणी सहित देश में 20-25 लोगों की कुल संपत्ति 70 करोड़ लोगों की सामूहिक संपत्ति के बराबर है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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