राजस्थान: बेरोजगारी से तंग 3 युवाओं ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, रोजगार के सरकारी दावों के मुंह पर तमाचा

वसुंधरा सरकार में चार युवकों ने बेरोजगारी से तंग आकर ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। खबरों के मुताबिक, सभी युवक कई दिनों से नौकरीकी तलाश में भटक रहे थे। इससे राजस्थानमें बेरोजगारी की भयावह स्थिति का पता चल रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

पीएम मोदी युवाओं को रोजगार देने का वादा कर सरकार में आए थे। राजस्थान सरकार भी अपने कार्यकाल में युवाओं को रोजगार देने का जोर-शोर दावा कर रही है। लेकिन बेरोजगारी का आलम यह है कि बेरोजगार युवक अब खुदकुशी कर रहे हैं। राजस्थान में बेरोजगारी का भयावह चेहरा सामने आया है, जहां नौकरी नहीं मिलने से हताश 4 युवक जान देने के लिए ट्रेन के आगे कूद गए। इनमें से 3 की जान चली गई। चश्मदीदों के मुताबिक आत्महत्या करने जा रहे युवकों ने कहा कि नौकरी लगेगी नहीं, तो फिर जीवित रह कर क्या करेंगे?

बता दें कि पीएम मोदी ने 2014 में कहा था कि वह हर साल 2 करोड़ नौकरी देंगे। ये सभी वादे आज तक अधूरे हैं। श्रम ब्यूरो का तिमाही सर्वे के मुताबिक, हर तिमाही में केवल कुछ हजार रोजगार पैदा हुए हैं। ये आंकड़े दो करोड़ नौकरियां देने के अच्छे दिन के झूठे वादों की पोल खोलते हैं।

खबरों के मुताबिक, अलवर शहर में बुधवार को 6 दोस्तों ने नौकरी नहीं मिलने से परेशान होकर जान देने की योजना बनाई। इसके बाद चार लोग शहर के एफसीआई गोदाम के पास ट्रेन के आगे कूद गए। इनमें से 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। बाकी दो दोस्तों ने आखिरी समय में आत्महत्या के लिए ट्रेन के आगे कूदने का फैसला बदल दिया, जिसके चलते उनकी जान बच गई।

इन्होंने बताया कि आत्महत्या से पहले सभी का कहना था कि नौकरी तो लगेगी नहीं, जिसके चलते जिंदगी गुजारना मुश्किल है। ऐसे में जीवित रह कर क्या करेंगे? वहीं पुलिस इन दोनों से अभी पूछताछ कर रही है। आत्महत्या करने वाले युवकों में से एक सत्यनारायण मीणा ने घटना से कुछ घंटे पहले अपने फेसबुक अकाउंट पर हत्या का वीडियो ‘माही द किलर’ को अपलोड किया था। इस वीडियो में एक युवक की हत्या दिखाई गई है।

एसपी राजेंद्र सिंह के मुताबिक 24 वर्षीय मनोज मीणा, 22 वर्षीय सत्य नारायण मीणा, 17 वर्षीय राज मीणा, 22 वर्षीय अभिषेक मीणा सूबे के अलवर में पढ़ाई कर रहे थे। ये चारों दोस्त अपने दो अन्य दोस्त संतोष मीणा और राहुल मीणा के साथ मिलकर जिले के श्याम रेलवे ट्रैक के पास बैठकर बातें कर रहे थे। इस दौरान इन सभी 6 लोगों के दिमाग में यह बात आई कि बिना नौकरी के जिंदगी गुजारना मुश्किल है। लिहाजा मौत को गले लगा लेना अच्छा है।

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