शांति और एकता के क्षेत्र में प्रयासों के लिए गोपालकृष्ण गांधी को प्रदान किया गया ‘राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार’

दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ कर्ण सिंह ने गोपालकृष्ण गांधी को साल 2017 का राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार प्रदान किया।

फोटोः @INCIndia
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नवजीवन डेस्क

राजधानी दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी को राष्ट्रीय एकता, सांप्रदायिक सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने में अहम योगदान के लिए साल 2017 का राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार प्रदान किया गया। इस मौके पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह और मोतीलाल वोरा समेत कई विशिष्ट लोग मौजूद थे।

शांति और एकता के क्षेत्र में प्रयासों के लिए गोपालकृष्ण गांधी को प्रदान किया गया ‘राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार’

इस अवसर पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि गोपालकृष्ण गांधी एक विशिष्ठ पब्लिक सर्वेंट, प्रशासक, राजनयिक और राज्यपाल रहे हैं। वह एक लेखक और प्रतिष्ठित रचनाकार हैं। वे हमारे संविधान में समाहित उन मूल्यों के प्रबल समर्थकों में से एक हैं जिन पर, निरंतर और योजनाबद्ध तरीके से आघात का प्रयास होता रहा है। उनको इस पुरस्कार से सम्मानित करते हुए हम विभाजन, घृणा और कट्टरवाद की उन शक्तियों से लड़ने और सामूहिक रुप से उन विचारधाराओं के प्रति विरोध के अपने संकल्प की अभिव्यक्ति करते हैं जो समग्र राष्ट्रवाद की भावना के विरुद्ध है।

सोनिया गांधी ने इस अवसर पर राजीव गांधी को याद करते हुए कहा, “राजीव गांधी अगर आज जीवित होते तो वो 74 वर्ष के होते। उनका राजनीतिक जीवन बहुत संक्षिप्त रहा, “इस संक्षिप्त कार्यकाल में उन्होंने हमारी अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी। उन्होंने आईटी, दूरसंचार और कम्प्यूटर पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ-साथ भारत के 21वीं शताब्दी में प्रवेश की नींव रखी। उन्होंने महिलाओं को आरक्षण के जरिये पंचायतों और नगर पालिकाओं को संवैधानिक सशक्तिकरण देकर हमारी राजनीतिक संरचना को बदलने का काम किया। उन्होंने हमारे देश के अशांत क्षेत्रों में शांति बहाल की, भले ही इस प्रक्रिया में उन्हें निर्वाचित कांग्रेस राज्य सरकारों का बलिदान देना पड़ा।”

दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित कार्यक्रम में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ कर्ण सिंह ने गोपालकृष्ण गांधी को यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए गोपालकृष्ण गांधी ने कहा, “जब गांधी जी ने ईश्वर, अल्लाह तेरे नाम गाया था, तब वह हमें आध्यात्मिक और राजनीतिक सद्बावना का मंत्र दे रहे थे।”

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि राजीव जी ने अपनी पूरी जिंदगी जिन मूल्यों को जिया और उस पर काम करते रहे, वही मूल्य भारत के राष्ट्रवाद को सही मायने में परिभाषित करते हैं।

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार की सलाहकार समिति ने 28 जुलाई को आयोजित बैठक में गांधी को साल 2017 के लिए ये पुरस्कार देने का फैसला किया था। पुरस्कार से जुड़ी सलाहकार समिति के सदस्य सचिव मोतीलाल वोरा की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि राष्ट्रीय एकता, शान्ति और सौहार्द्र को बढ़ावा देने में अप्रतिम योगदान के लिये पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी को 24वां राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार दिया जाएगा।

यह प्रतिष्ठित पुरस्कार राष्ट्रीय एकता और शांति के क्षेत्र में योगदान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है। इसे शांति, सांप्रदायिक सद्भाव के संवर्धन और हिंसा के खिलाफ लड़ाई में उनके दीर्घकालिक योगदान की याद में शुरू किया गया था। इसके तहत विजेता को पुरस्कार में एक प्रशस्ति-पत्र और 10 लाख रूपये की नकद राशि प्रदान की जाती है।

इससे पहले देश की कई प्रतिष्ठित हस्तियों को राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें मदर टेरेसा, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, मोहम्मद यूनुस, हितेष्वर सैकिया और सुभद्रा जोषी (संयुक्त), लता मंगेशकर, सुनील दत्त, जगन्नाथ कौल, दिलीप कुमार, डॉ॰ (श्रीमती) कपिला वात्स्यायन, तीस्ता शीतलवाड और हर्ष मंदर (संयुक्त), एस.एन. सुब्बाराव, स्वामी अग्निवेष और मदारी मोईदीन (संयुक्त), के.आर. नारायणन, निर्मला देशपांडे, हेमदत्त, प्रो॰ एन. राधाकृष्णन, गौतम भाई, मौलाना वहीदुदीन खां, स्पिक मैके, डी.आर. मेहता, उस्ताद अमजद अली खान, मुजफ्फर अली और शुभा मुद्गल के नाम शामिल हैं।

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Published: 20 Aug 2018, 8:02 PM