पत्रकार हत्याकांड में राम रहीम को उम्रकैद, तीन अन्य को भी आजीवन कारावास की सजा

हरियाणा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में हरियाणा के पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। राम रहीम के साथ ही कोर्ट ने मामले के तीन अन्य दोषियों को भी उम्र कैद की सजदा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट ने 11 जनवरी को चारों को इस हत्याकांड में दोषी करार दिया था। राम रहीम को विशेष अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई। बता दें कि राम रहीम फिलहाल 2 साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।

बता दें कि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को अक्टूबर 2002 में गोली मारी गई थी। अस्पताल में कई दिनों तक इलाज के बाद छत्रपति की उसी साल नवंबर में मौत हो गई थी। पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में विशेष अदालत ने राम रहीम और किशन लाल को आईपीसी की धारा 120बी, 302 का दोषी ठहराया था। जबकि, कुलदीप और निर्मल को 120बी, 302 और आर्म्स एक्ट का दोषी करार दिया था। इन सभी को धारा 302 में उम्रकैद की सजा हुई है। सभी को दोषी ठहराए जाने के बाद पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल ने राम रहीम को फांसी देने की मांग की थी।

अदालत ने इससे पहले 25 अगस्त, 2017 को दुष्कर्म के दो मामलों में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया था और 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले के अलावा गुरमीत राम रहीम, पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले का भी सामना कर रहा है। फिलहाल इस मामले की सीबीआई अदालत में सुनवाई चल रही है। रंजीत सिंह को जुलाई 2003 में गोली मारी गई थी। माना जाता है कि रंजीत सिंह, राम रहीम के बहुत से गलत कार्यो का राजदार था।

गौतलब है कि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने साध्वियों के यौन शोषण का खुलासा किया था। साध्वी यौन शोषण मामले में सामने आए पत्रों के आधार पर रामचंद्र ने अपने अखबार में डेरा प्रमुख क खिलाफ खबरें प्रकाशित की थी। जिसके बाद उन्हें धमकियां दी गई थीं। इसके बाद भी जब वह नहीं माने तो 24 अक्टूबर 2002 को उन्हें गोली मार दी गई। इलाज के दौरान 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।

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