कोरोना की मार से बेहाल जनता-ट्रक कारोबारियों पर दोहरी मार, वाहनों पर टोल दरें बढ़ाने पर घिरी खट्टर सरकार

हरियाणा सरकार सभी तरह के वाहनों पर एक अप्रैल से टोल दरों में बढ़ोतरी को लेकर बुरी तरह घिर गई है। कांग्रेस ने बढ़ी हुई टोल दरों को फौरन वापस लेने की मांग के साथ राज्य सरकार से सवाल किया है कि आखिर खट्टर सरकार चुप क्यों है?

फोटो: सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

जब हरियाणा कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लड़ाई लड़ रहा है उस वक्‍त सभी तरह के वाहनों पर एक अप्रैल से टोल दरों में बढ़ोतरी से सरकार बुरी तरह घिर गई है। राज्य में फैट्रियां बंद हैं, कारोबार ठप है, लाखों मजदूर पलायन के लिए मजबूर हैं और खेती-किसानी भी संकट में हैं। लोगों के सामने दो वक्‍त की रोटी का संकट गहरा रहा है। ऐसे समय में सरकार के टोल दरों में बढ़ोतरी के फैसले से सब हैरान हैं। अब विपक्षी पार्टी ने भी सरकार को इस मामले पर घेरना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि मुश्किल वक्‍त में लोगों पर यह एक और महंगाई की मार है। सुरजेवाला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कहा कि कहा कि हरियाणा में 32 नेशनल हाईवे और तीन नेशनल एक्सप्रेस-वे हैं, जिनकी कुल लंबाई 3,531 किलोमीटर है। कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे, जिसे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे भी कहा जाता है, वो हरियाणा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हरियाणा का हर हिस्सा व हर जिला राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा है। एक जिले से दूसरे जिले जाने के लिए भी अधिकतर समय राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरना पड़ता है। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्गों पर दिए जाने वाले टोल रेट सीधे-सीधे निजी वाहनों के खर्चे, बस यात्रा व आम जरूरत की वस्तुओं की कीमत पर सीधा प्रभाव डालते हैं, क्योंकि माल ढुलाई करने वाले ट्रक भी इन्हीं राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरते हैं।


सुरजेवाला ने आगे कहा कि आज पूरे देश के साथ-साथ हरियाणा कोरोना वायरस व आर्थिक मंदी की मार से ग्रस्त है। साढ़े पांच लाख से अधिक मजदूर पलायन कर अपने प्रदेशों में वापस लौट गए हैं। सभी उद्योग धंधे, व्यवसाय व व्यापार ठप्प पड़े हैं। हरियाणा में न तो खनिज है और न कच्चे माल का उत्पादन। दूसरे प्रदेशों से सड़क के रास्ते से कच्चा माल आता है और हरियाणा का उद्योग उसे बनाता है व पूरे देश व विदेश में निर्यात करता है। ऐसे में वाणिज्यिक वाहनों पर डाला गया हर बोझ हरियाणा के उद्योग को नॉन कंपटीटिव बनाता है। यही असर खेती-बाड़ी की चीजों, फल-फूल व सब्जी के दिल्ली सहित दूसरे प्रदेशों में ले जाकर बेचने पर भी है।

राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार से सवाल पूछते हुए सुरजेवाला ने कहा है कि खट्टर सरकार चुप क्यों है? मुख्यमंत्री व उप-मुख्यमंत्री मौन धारण क्यों किए हैं? दुष्यंत चौटाला तो पुरानी दरों के टोल को ही उखाड़ने का वादा कर सत्ता में आए थे, तो फिर अब सत्ता में आने के बाद यह रहस्यमयी चुप्पी क्यों? हमारी मांग है कि बढ़ी हुई टोल दरों को फौरन वापस लिया जाए।

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