सोनिया गांधी ने संसद सत्र नहीं बुलाए जाने के लिए की मोदी सरकार की आलोचना, अगले कांग्रेस अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया का प्रस्ताव पारित

ऐसी उम्मीद है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सर्वसम्मति से कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। कांग्रेस की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने अंहकार के लिए संसद पर ताला लगा दिया है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

लंबे समय से जारी चर्चा पर विराम लगाते हुए कांग्रेस ने अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया की घोषणा कर दी है। 20 नवबंर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस बाबत प्रस्ताव पारित किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 1 दिसंबर को अधिसूचना जारी होगी। 4 दिसंबर को नामांकन और 5 दिसंबर को नामांकन पत्रों की छंटनी होगी। 11 दिसंबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे और 16 दिसंबर को मतदान होगा। 19 दिसंबर को मतगणना होगी और इसी दिन अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा।

यह कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी इस प्रक्रिया के बाद अध्यक्ष चुने जा सकते हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक उनके खिलाफ किसी और कांग्रेस नेता के उम्मीदवार बनने की संभावना नहीं है और माना जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सर्वसम्मति से कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। कई दिग्गज नेता लंबे समय से उनको अध्यक्ष बनाए जाने की मांग करते रहे हैं।

राहुल गांधी ने हाल में अपनी युवा नेताओं की टीम के साथ वरिष्ठों को भी पूरा तवज्जो देकर यह संदेश दिया है कि वह कांग्रेस में सबको साथ लेकर चलने का इरादा रखते हैं।

बीते 3 महीनों के दौरान राहुल गांधी ने जिस तरह से आगे आकर जिम्मेदारियों को संभाला है, उससे यह साफ हो गया था कि वे कांग्रेस की कमान अपने हाथ में लेने के लिए तैयार हैं।

2004 में अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीतकर राहुल गांधी ने राजनीति में अपनी शुरूआत की थी। उन्होंने 2007 में कांग्रेस में बतौर कांग्रेस महासचिव संगठन में जिम्मेदारी संभाली। यूपीए के 10 साल के शासन के दौरान उन्हें कई बार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने कैबिनेट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान देश की राजनीति से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, “पीएम मोदी ने अपने अंहकार के लिए लोकतंत्र के मंदिर (संसद) को ताला लगा दिया है। वे अपने अहंकार के लिए गरीबों का भविष्य भी बर्बाद करने पर तुले हैं।”

संसद का शीतकालीन सत्र बुलाए जाने में की जा रही देरी पर उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार अगामी गुजरात चुनाव की वजह से संसद का सामना करने से बच रही है। सरकार सोचती है कि लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगाकर वह संवैधानिक जवाबदेही से बच निकलेगी।” उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जीएसटी के लिए आधी रात को संसद सत्र तो बुला सकते हैं लेकिन आज संसद का सामना करने से भाग रहे हैं।”

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