मानसून सत्र में नहीं होगा प्रश्न काल, TMC सांसद बोले- महामारी के बहाने लोकतंत्र की हो रही हत्या

कोरोना काल में संसद का मानसून सत्र ऐतिहासिक होने जा रहा है। अगाम सत्र में न तो प्रश्न काल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा सकेंगे। इतना ही नहीं कोविड-19 महामारी के बीच होने जा रे इस सत्र में शून्य काल को भी सीमित कर दिया गया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

कोरोना काल में संसद का मानसून सत्र ऐतिहासिक होने जा रहा है। अगाम सत्र में न तो प्रश्न काल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा सकेंगे। इतना ही नहीं कोविड-19 महामारी के बीच होने जा रे इस सत्र में शून्य काल को भी सीमित कर दिया गया है। लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग पालियों में सुबह नौ बजे से एक बजे तक और तीन बजे से सात बजे तक चलेगी। शनिवार और रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी।

मानसून सत्र की शुरुआत 14 सितम्बर को होगी और इसका समापन एक अक्टूबर को तय किया गया है। सिर्फ पहले दिन को छोड़कर राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में चलेगी, जबकि लोकसभा शाम की पाली में बैठेगी।

लोकसभा सचिवालय द्वारा अगामी सत्र के लिए अधिसूचना भी जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि, ‘‘सत्र के दौरान प्रश्न काल नहीं होगा। कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई असाधारण परिस्थितयों को देखते हुए सरकार के आग्रह के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष ने निर्देश दिया है कि सत्र के दौरान गैर सरकारी विधेयकों के लिए कोई भी दिन तय न किया जाए।’’


राज्यसभा सचिवालय द्वारा भी एक ऐसा ही अधिसूचना जारी की गई है। हालांकि विपक्षी दलों ने प्रश्न काल की व्यवस्था को कार्यवाही से हटाए जाने का विरोध किया है। तृणमूल कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि इससे विपक्षी सांसद सरकार से सवाल पूछने के अपने हक को खो देंगे।

डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट कर कहा, ‘‘महामारी लोकतंत्र की हत्या करने का बहाना बन गयी है।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रश्न काल तभी नहीं हुआ है जब सत्र विशेष उद्देश्यों के लिए बुलाए गए थे, जबकि आगामी सत्र तो नियमित सत्र का हिस्सा है।


बता दें कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पिछले हफ्ते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि संसद सत्र में सदस्यों के प्रश्न पूछने और मुद्दे उठाने के अधिकार में कटौती नहीं की जाए। कटौती करना जन प्रतिनिधियों के हित में नहीं होगा।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia