घनश्याम तिवाड़ी ने  वसुंधरा को बताया, ‘अनुशासनहीनता की महारानी’, कहा मेरी जान को खतरा

बीजेपी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे को ‘अनुशासनहीनता की महारानी’ करार देते हुए जान का खतरा होने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस बारे में एक पुस्तिका प्रकाशित की है

बीजेपी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे
बीजेपी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे
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नवजीवन डेस्क

राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने राज्य की वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और खुलकर बोल रहे हैं। उन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए जवाब तलब किया है, जिसका वे सिलसिलेवार न सिर्फ जवाब दे रहे हैं बल्कि अपने जवाबों को एक पुस्तिका के रूप में छपवाकर बंटवा रहे हैं।

तिवाड़ी ने अपने जवाबों में कई चौंकाने वाले और सनसनीखेज खुलासे किए हैं। दरअसल तिवाड़ी जयपुर के सांगानेर विधानसभा से सर्वाधिक वोटों से जीते थे, लेकिन कई बार मंत्री रहे तिवारी को वसुंधरा राजे ने अपने मंत्रिमण्डल में जगह नहीं दी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से घनश्याम तिवारी के 36 के आंकड़ें रहे हैं। इसी वजह से तिवाड़ी ने वसुंधरा राजे के खिलाफ कभी परोक्ष तो कभी अपरोक्ष रुप से हमला बोलना जारी रखा है।

चूंकि तिवाड़ी कद प्रदेश बीजेपी नेताओं में इतना बड़ा है कि उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत किसी की नहीं होती, लेकिन वसुंधरा राजे के करीबी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने तिवाड़ी की शिकायत केंद्रीय अनुशासन समीति से की और उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया। नोटिस में उनसे चार सवालों के जवाब मांगे गए। ये चार सवाल थे:

  • दो वर्षों से लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहना और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करना
  • पार्टी की बैठकों में शामिल न होना
  • विपक्षी दलों के साथ मंच साझा करना
  • समानांतर राजनैतिक दल खड़ा करने की कोशिश करना

इन सवालों के तिवाड़ी ने जवाब भेजे हैं और लोगों के बीच एक पुस्तिका के रूप में बंटवा दिए हैं। उन्होंने अपने जवाब में लिखा है कि वे इस तरह के नोटिस से न तो घबरा रहे हैं और न ही झुकेंगे। उन्होंने दावा किया है कि 2 अक्टूबर 2015 को हुए बीजेपी एक प्रशिक्षण शिविर में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लोगों ने उन पर जानलेवा हमला किया। उन्होंने घटना का ब्योरा देते हुए लिखा है कि ‘इस जानलेवा हमले में उनके हाथ में फ्रैक्चर’ भी हो गया। तिवाड़ी ने यह भी लिखा है कि उन पर इस तरह का यह पांचवा जानलेवा हमला था। उन्होंने लिखा है कि ‘वसुंधरा सरकार ने उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा को हटा लिया है जो पूर्व की कांग्रेस सरकार ने उन्हें दी थी।’

 घनश्याम तिवाड़ी ने  वसुंधरा को बताया, ‘अनुशासनहीनता की महारानी’, कहा मेरी जान को खतरा

तिवाड़ी ने साफ लिखा है कि मौजूदा सरकार के रहते उन्हें लगातार जान का खतरा है, इसलिए वे पार्टी की बैठकों और कार्यक्रमों में नहीं जा रहा है। तिवाड़ी ने कहा है कि उन पर हमले के दोषियों की पहचान हो चुकी है और इसकी रिपोर्ट बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पास है, लेकिन रिपोर्ट को दबा दिया गया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट दबाने का कारण ये है कि इसमें कहा गया था कि “मुख्यमंत्री के नजदीकी एक नेता ने बाहर से गुंडो को बुलाकर, उन्हें लाठियों से लैस कर मुझ पर जानलेवा हमले की साजिश रची।” उन्होंने लिखा कि इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होनी थी, लेकिन राजस्थान में “पार्टी का विधान तो मुख्यमंत्री को गिरवी रख दिया गया है।”

उन्होंने कहा है कि पार्टी का यह ‘नोटिस राजस्थान की जनता के चीरहरण करने का निर्देश’ है। उन्होंने इस नोटिस को ‘राजस्थान के भ्रष्ट और सामंतवादी शासन की तरफ से भेजा गया पत्र’ कहा है। उन्होंने कहा है कि “पार्टी की बैठकों में उन्हें वरिष्ठता के हिसाब से बैठने का स्थान तक मुहैया नहीं कराया जाता और अपमान किया जाता है।”

 घनश्याम तिवाड़ी ने  वसुंधरा को बताया, ‘अनुशासनहीनता की महारानी’, कहा मेरी जान को खतरा

तिवाड़ी का आरोप है कि “मुख्यमंत्री ने दबाव बनवा कर मुझे पार्टी के केंद्र और प्रदेश के सभी दायित्वों से हटवा दिया।” उन्होंने कहा कि अमित शाह के पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल करने का दिल्ली से निमंत्रण मिला था और फोन आया था, लेकिन वसुंधरा राजे के दबाव में इसे बदल दिया गया। उन्होंने कहा है कि समय आने पर राजस्थान की जनता अपना न्याय करेगी और आपके पास कोई जवाब नहीं होता। उन्होंने कहा कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।

नोटिस में पूछे गए पार्टी विरोधी गतिविधियों और बयानों के जवाब में तिवाड़ी ने लिखा है कि, “मैं इस आरोप को सिरे से नकारता हूं। पार्टी में वास्तव में जो अनुशासनहीन हैं, जिन्हें देश भर में अनुशासनहीनता की महारानी कहा जाए, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।” उन्होंने वसुंधरा राजे पर हमला बोलते हुए लिखा है कि वे हर सप्ताह अनशासनहीनता करती हैं, पूरा कार्यव्यवहार ही संगठन, विचारधारा, कार्यकर्ताओं, स्वतंत्र मीडिया और जनता की तौहीन करने का है।

तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि 2014 में जिस दिन प्रधानमंत्री शपथ ले रहे थे, उस दिन वसुंधरा राजे ने राजस्थान के सारे बीजेपी सांसदों को अपनी नौटंकी के लिए बीकानेर हाऊस में बिठा दिया और शपथ समारोह में नहीं जाने दिया। तिवाड़ी का कहना है कि वसुंधरा राजे ने कोशिश की कि यह संदेश दिया जाए कि राजस्थान के बीजेपी सांसद नरेंद्र मोदी सरकार से खुश नहीं हैं और उनके शपथ समारोह का बहिष्कार किय है।

तिवाड़ी ने ललित मोदी कांड की भी याद दिलाई है। उन्होंने लिखा है कि ललित मोदी के पक्ष में वसुंधरा राजे ने अपने हस्ताक्षर से शपथपत्र दिया, क्या यह राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में नहीं आता। उन्होंने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से सवाल पूछ है कि आखिर किस मजबूरी के तहत पार्टी वसुंधरा राजे के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही।

तिवाड़ी ने याद दिलाया कि 2012 में मीडिया के सामने “अनुशासनहीनता की महारानी” ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की घोषणा की और समर्थकों के इस्तीफे दिलवाए। उन्होंने लिखा है कि 2008 में भी वसुंधरा ने पार्टी के संसदीय बोर्ड और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ काम किया। उस समय जिन लोगों ने इनके समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दिया था, उन्हीं लोगों को वसुंधरा ने अपने कैबिनेट में जगह दी है।

तिवाड़ी ने उस समय के पूरे प्रसंग का हवाला दिया है कि किस तरह केंद्रीय नेतृत्व के आदेश के बाद भी वसुंधरा ने नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं छोड़ा था और पार्टी की इच्छा के विरुद्ध विधायकों की परेड कराने की कोशिश की थी। उनका कहना है कि जिसने पार्टी के संसदीय बोर्ड की खुली अवहेलना की, केंद्रीय नेताओँ को धता बताया, पूरी पार्टी को गिरवी रख दिया, उन वसुंधरा के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं हो रही।

तिवाड़ी ने इस आरोप का भी जवाब दिया है कि वे समानांतर दल खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। तिवाड़ी ने इस पर साफ कहा है कि दरअसल समानांतर दल खड़ा करने की कोशिश वसुंधरा राजे ने की है। तिवाड़ी ने इस आरोप से संबंधित दस्तावेज भी बीजेपी समिति को भेजे हैं। तिवाड़ी ने दावा किया है कि पार्टी हित और वरिष्ठों के निर्देश पर वे सदा त्याग करते आए हैं, लेकिन क्या पार्टी ‘अनुशासनहीनता की महारानी’ से ऐसी अपेक्ष कर सकती है।

तिवाड़ी ने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से भी सवाल पूछा है कि राजस्थान की जनता को यह जवाब चाहिए कि ये सारा खेल मजबूरी का है या मिलीभगत का। मजबूरी है तो क्या है। और मिलीभगत है तो इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं। उन्होंने राजस्थान बीजेपी को चोर-चोर मौसेरे भाई-बहनों की संज्ञा देते हुए कहा है कि इन सब लोगों की लूट से सारा राजस्थान वाकिफ है।

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Published: 30 Oct 2017, 4:16 PM