नौकरियां तो बहुत थीं, लेकिन मोदी सरकार में गायब हो गईं सारी रिक्तियां, एसएससी के आंकड़े दे रहे गवाही

आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार के दौर में एसएससी से भरी जाने वाली नौकरियों की संख्या में बेहद कमी आई है। क्या यह सरकार के मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस का फार्मूला तो नहीं?

फोटो : Getty Images
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ऐशलिन मैथ्यू

देश में बेरोजगारी अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच रही है। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में बेरोजगारी की दर 7.6 फीसदी पहुंच गई जो अक्टूबर 2016 के बाद की सबसे ऊंची दर है। पिछले महीने बेरोजगारी की दर 6.71 फीसदी थी। बेरोजगारी दर के इतने बुरे हालात के बीच ही केंद्र सरकार ने कई सरकारी विभागों में रिक्त पदों की संख्या कम कर दी है।

सरकारी पदों पर भर्तियों के लिए आखिरी परीक्षा 2017 में हुई थी। एसएससी-कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा में 8089 पदों के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था। लेकिन इस परीक्षा का एक पर्चा लीक होने के बाद इसके नतीजे घोषित करने पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी। लेकिन अभी 9 मई को जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच इस रोक को हटा दिया।

रोक हटने के बाद 9 मई को ही एसएससी ने रिक्तियों यानी खाली पदों की नई सूची जारी की। लेकिन इसमें कुछ त्रुटियां सामने आईं। हालांकि दो साल के अतंराल में सिर्फ 45 नई रिक्तियों को ही इस बार जोड़ा गया है यानी 2019 में एसएससी परीक्षा सिर्फ 8134 रिक्तियों के लिए ही होगी। इसके अलावा इन दो सालों में जो भी नई रिक्तियां हुई होंगी, उनके बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं है।

इन दो सालों में करीब 1792 पद कम कर दिए गए, जबकि इनमें बढ़ोत्तरी होनी चाहिए थी। मसलन सीएजी में असिस्टेंट अकाउंट ऑफिसर के 500 पद खाली हैं, लेकिन एसएससी के विज्ञापन में इनका जिक्र नहीं है। इसके अलावा सीबीडीटी में 401 इनकम टैक्स अफसरों के पद खाली थे, लेकिन नए विज्ञापन में सिर्फ 261 पद ही दिखाए गए हैं। इसी तरह सीएजी में ऑडिटर्स के 900 रिक्त थे, लेकिनविज्ञापन सिर्फ 200 पदों का ही सामने लाया गया है। अपर डिवीजन क्लर्क के 232 पद खाली थे, लेकिन नए विज्ञापन में सिर्फ 122 पद दर्शाए गए हैं।


ऐसा नहीं है कि नौकरियां हैं नहीं, लेकिन एसएससी-सीजीएल इनकी संख्या बहुत कम बता रहा है। एसएससी की नई सूची बताती है कि जूनियर स्टेटिस्किल ऑफिसर के सिर्फ 50 पद खाली हैं, लेकिन आरटीआई से मिले जवाब से पता चलता है कि जेएसओ के 124 पद खाली हैं। दूसरे पदों की रिक्तियों के मामले में भी ऐसा ही किया गया है।

एसएससी के मुताबिक सीबीआई में कोई पद खाली नहीं है, लेकिन आरटीआई से पता चला है कि सीबीआई के कोलकाता सर्किल में ही 62 पद रिक्त हैं। ये ग्रुप बी और सी के पद हैं और इन्हें तदर्थ यानी एडहॉक तरीके से नहीं भरा जाना चाहिए।


जानकारी से जो आंकड़े सामने आए हैं उनके मुताबिक 2012 में एसएससी ने 16119 पदों पर भर्तियां की थीं, लेकिन तब से इनमें लगातार गिरावट आती चली गई। 2014 में यूपीए सरकार के समय एसएससी ने 15,549 पदों के लिए भर्तियां की थीं, लेकिन तब से रिक्त पदों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।

इसके साथ ही पर्चा लीक होने के बाद न तो एसएससी ने नई परीक्षाएं कराईं और न ही किसी पद पर भर्ती की, ऐसे में उन छात्रों को भारी नुकसान हो रहा है जो नतीजों का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि ये सारी परीक्षाएं निश्चित आयु सीमा के लिए ही होती हैं।

जानकारी के मुताबिक कुछ माह पहले पीएमओ ने सभी विभागों से उनके यहां खाली पड़े पदों या रिक्तियों की जानकारी मांगी थी, लेकिन सांख्यिकी मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने यह कहकर जानकारी देने से इनकार कर दिया था कि चुनाव के कारण सारे अधिकारी व्यस्त हैं ऐसे में यह जानकारी अभी नहीं दी जा सकती।

जानकारी के मुताबिक 10 मई तक अकेले एक्साइज़ और कस्टम विभाग में ही 38,581 पद खाली थे। लेकिन सूत्रों का कहना है कि एसएससी को जानबूझकर रिक्तियों की संख्या नहीं बताई जा रही है। इसके अलावा एसएससी खुद भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं करता है। बताया जाता है कि आयकर विभाग और सीएजी में करीब 50 फीसदी पद खाली पड़े हैं। रेलवे में करीब 3.8 लाख पद खाली हैं। लेकिन इन्हें भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

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