मुजफ्फरपुर कांड की रिपोर्ट में खुलासा, मासूम बच्चियों को मिलती थी प्राइवेट पार्ट पर चोट की सजा

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की ऑडिट रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि शेल्टर होम में ब्रजेश ठाकुर ने अपने नियम-कानून बना रखे थे, जिनका उल्लंघन करने पर वहां रहने वाली मासूम बच्चियों के प्राइवेट पार्ट्स पर चोट देकर सजा दी जाती थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में नया दिल दहला देने वाला खुलासा हुआ है। खबरों के मुताबिक शेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर ने वहां पर अपने नियम-कायदे बना रखे थे। जिनका पालन नहीं करने पर लड़कियों को सजा दी जाती थी। सजा भी ऐसी जो किसी भी इसान क्या जानवरों के भी रौंगटे खड़े कर दे। ब्रजेश ठाकुर के बनाए नियमों का पालन नहीं करने पर शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों को उनके प्राइवेट पार्ट्स पर चोट देकर सजा दी जाती थी।

मीडिया की खबरों के अनुसार मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की उस ऑडिट रिपोर्ट में इस यातना का जिक्र है, जिसके सामने आने के बाद शेल्टर होम की असलीयत उजागर हुई। रिपोर्ट में बताया गया है कि शेल्टर होम के वॉर्डों की हालत भी लॉकअप जैसी थी। टाटा इंस्टीट्यूट यह रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं हुई है। लेकिन न्यूज चैनल ने इसके हवाले से ये दावे किये हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि शेल्टर होम में पुरुष स्टाफ रोजाना लड़कियों का शारीरिक शोषण करते थे। वे उनके कमरों में घुस जाते थे और कई घंटों तक उनके प्राइवेट पार्ट्स पर चोट देकर सजा देते थे। रिपोर्ट के अनुसार सजा के तौर पर वहां शारीरिक शोषण का इस्तेमाल किया जाता था।

न्यूज चैनल को हाथ लगे ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, वहां रहने वाली लड़कियों को खुले में या बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। यहां तक कि उन्हें घर वालों से भी बात करने की इजाजत नहीं थी। अगर कभी वे चोरी-छिपे घर वालों से बात करती थीं, तो उन्हें बेरहमी से पीटा जाता था।

इस बीच बिहार पुलिस ने 11 अगस्त को ब्रजेश ठाकुर के पास से 40 मोबाइल फोन नंबरों की सूची बरामद की है। पुलिस ने कहा कि अधिकारियों ने ठाकुर को उस जगह पर देखा जहां लोग कैदियों से मिलने आते हैं। वहां से उन्हें उसके पास से हाथ से लिखी दो पर्चियां मिलीं, जिसमें 40 मोबाइल नंबर और नाम लिखे थे। जिला प्रशासन के एक अधिकारी के अनुसार उस सूची में एक मंत्री सहित कई प्रमुख लोगों के नाम हैं।

आरोपी ब्रजेश ठाकुर फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है। ब्रजेश ठाकुर को 2 जून को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह सिर्फ 5 दिन जेल में रहा है। अभी वह स्वास्थ्य कारणों से कैदी वार्ड की जगह मेडिकल वार्ड में रह रहा है। इस मामले पर चौतरफा घिरने के बाद नीतीश सरकार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा है, जिनके पति चंद्रेश्वर वर्मा के कथित तौर पर मुख्यारोपी ब्रजेश के साथ संबंध हैं। इस मामले के उजागर होने के बाद बिहार सरकार ने ब्रजेश ठाकुर के गैर सरकारी संगठन सेवा संकल्प एवं विकास समिति के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया था।

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