'सुप्रीम कोर्ट का फैसला BJP को करारा तमाचा', केजरीवाल बोले- अगले कुछ दिनों में दिल्ली में होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने पिछले डेढ़ साल में जनता के काम रोके, ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित किया जाएगा और उन्हें अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के साथ न्याय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया और कहा कि विकास की गति कई गुना बढ़ जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों के साथ न्याय करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया। इस निर्णय से दिल्ली के विकास की गति कई गुना बढ़ेगी। जनतंत्र की जीत हुई।
फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए दिल्ली के सीएम ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि, जैसे ही हमारी सरकार बनी प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार से एक आदेश पारित कराया कि दिल्ली में काम करने वाले सभी अधिकारियों के ट्रांसफर और नौकरी से संबंधित सभी फैसले दिल्ली सरकार के पास नहीं रहेंगे। यानी अगर कोई रिश्वत ले रहा है तो हम उन्हें निलंबित भी नहीं कर सकते। इस आदेश का इस्तेमाल करके दिल्ली में कामों को जबरदस्ती रोका गया।
उन्होंने आगे कहा कि, आज सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश आया है वो दिल्ली की जनता के सहयोग का नतीजा है। अब हमें दिल्ली के लोगों को रिस्पॉन्सिव प्रशासन देना है। अगले कुछ दिनों में दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा। केजरीवाल ने कहा कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने पिछले डेढ़ साल में जनता के काम रोके, ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित किया जाएगा और उन्हें अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा।
सीएम केजरीवाल की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को सिविल सेवकों के तबादलों और पोस्टिंग पर प्रशासनिक नियंत्रण के संबंध में राज्य सरकार और केंद्र के बीच एक मामले में दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद आई है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली सरकार का एनसीटी की विधायी शक्तियों के बाहर के क्षेत्रों को छोड़कर सेवाओं के प्रशासन में नौकरशाहों पर नियंत्रण होना चाहिए। अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल भूमि, सार्वजनिक व्यवस्था और पुलिस से संबंधित मामलों को छोड़कर एनसीटी सरकार की सहायता और सलाह से बंधे हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि लोकतंत्र और संघवाद का सिद्धांत बुनियादी ढांचे का एक हिस्सा है। संघवाद विविध हितों के अस्तित्व को सुनिश्चित करता है और विविध आवश्यकताओं को समायोजित करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर सेवाओं पर विधायी शक्ति है। पीठ ने कहा कि यदि सेवाओं को विधायी और कार्यकारी डोमेन से बाहर रखा जाता है, तो मंत्रियों को उन सिविल सेवकों को नियंत्रित करने से बाहर रखा जाएगा जिन्हें कार्यकारी निर्णयों को लागू करना है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आप मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी को करारा तमाचा था। दिल्ली सरकार के दफ्तर को हड़पने का काम केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल और गृह मंत्रालय के जरिए किया था। बीजेपी सरकार सरकारों को अस्थिर करके लोकतंत्र को अंधेरे में धकेल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने रोशनी दिखाने का काम किया है।
इस बीच, आप मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली के लोगों के अधिकार छीनने के लिए तमाचा मारा है। राय और आतिशी के साथ पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के लोग सीजेआई चंद्रचूड़ जी के सामने झुकते हैं, उन्होंने लोगों के अधिकार लौटाए हैं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ देश में एक नायक के रूप में उभरे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की जनता की जो लड़ाई 2014 से चली आ रही थी उसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जीत हुई है।
भारद्वाज ने कहा कि देश पर जब भी विपदा आएगी और संविधान को ताक पर रखा जाएगा तो एक संस्था है (सुप्रीम कोर्ट) जो व्यवस्था स्थापित करेगी और देश को बचाएगी। इस फैसले को याद रखा जाएगा।
आप सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि अगर चुनी हुई सरकार की शक्तियां छीन ली जाती हैं, तो जनता के वोट का कोई मतलब नहीं है। आज सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सरकार को तमाचा मारा है। अगर केंद्र सरकार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार की शक्तियां छीन लेंगे तब सुप्रीम कोर्ट संविधान बचाने के लिए खड़ा है। आज सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र और संविधान को बचा लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उपराज्यपाल को केवल कागज देखने का अधिकार है, इस पर निर्णय लेने का अधिकार उन्हें नहीं है।
आईएएनएस के इनपुट क साथ
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