तमिलनाडु: 'पटना में विपक्ष की बैठक से डर गए हैं पीएम मोदी', स्‍टालिन का बीजेपी पर जोरदार पलटवार

तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री एम.के. स्‍टालिन ने गुरुवार को कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले संयुक्‍त रणनीति तय करने के लिए पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डर गए हैं।

स्‍टालिन ने कहा कि तमिलनाडु के लोग 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उचित सबक सिखाने के लिए तैयार।
स्‍टालिन ने कहा कि तमिलनाडु के लोग 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उचित सबक सिखाने के लिए तैयार।
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नवजीवन डेस्क

तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री एम.के. स्‍टालिन ने गुरुवार को कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले संयुक्‍त रणनीति तय करने के लिए पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डर गए हैं। स्टालिन ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी नेताओं की एक बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की है और उसके बाद प्रधानमंत्री ने अपना रुख नरम कर लिया है।

समान नागरिक संहिता को लेकर प्रधानमंत्री के भाषण पर तीखा हमला करते हुए स्टालिन ने कहा, "हमारे पीएम सोचते हैं कि वह सांप्रदायिक तनाव भड़काकर और भ्रम पैदा करके चुनाव जीत सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोग 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उचित सबक सिखाने के लिए तैयार हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं तमिलनाडु के लोगों से 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हराने और सरकार के द्रविड़ मॉडल को बनाए रखने के लिए तैयार और दृढ़ रहने की अपील करता हूं।"

उन्होंने लोगों से नई दिल्ली में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार स्थापित करने के लिए तैयार होने का भी आह्वान किया और कहा कि नई सरकार लोगों के अधिकारों के लिए खड़ी होगी और राज्यों के अधिकारों की गारंटी देगी।

स्टालिन ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "प्रधानमंत्री कहते हैं कि अगर आप डीएमके को वोट देंगे तो केवल करुणानिधि के परिवार का विकास होगा। वास्तव में यह एक परिवार की राजनीति है और तमिलनाडु करुणानिधि का परिवार था। डीएमके के लिए वोट करना तमिलनाडु के विकास के लिए वोट करना है।"

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री द्रविड़ राजनीति के इतिहास और पिछले पांच दशकों से द्रविड़ विचारधारा द्वारा शासित राज्य तमिलनाडु के विकास को समझे बिना बोल रहे हैं।


तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने मणिपुर का दौरा नहीं करने पर प्रधानमंत्री की आलोचना की, जहां 150 लोगों की जान चली गई है। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर जलने के 50 दिन बाद जाकर केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि हजारों लोगों ने मणिपुर छोड़ दिया है और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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