'BJP 'वंदे मातरम' गीत को राजनीति का मुद्दा बना रही', विपक्ष सांसदों ने सत्ताधारी पार्टी को याद दिलाए इतिहास
कांग्रेस सांसद ने कहा, "देश की जनता के साथ बीजेपी का सरोकार नहीं है। लोग इस सरकार से कट चुके हैं। यह स्वतंत्रता सेनानियों और बलिदानियों पर उपहास करना चाहते हैं।'

संसद में 'वंदे मातरम' पर चर्चा के विषय पर कांग्रेस और विपक्ष के अन्य दलों के नेताओं ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी 'वंदे मातरम' गीत को भी राजनीति का मुद्दा बना रही है।
'देश की जनता के साथ बीजेपी का सरोकार नहीं'
कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमन सिंह ने 'वंदे मातरम' पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी पर तंज कसा और कहा कि आजादी की लड़ाई कांग्रेस ने लड़ी थी। आईएएनएस से बातचीत में उज्ज्वल रमन सिंह ने कहा, "'वंदे मातरम' हम सबके लिए, हर पार्टी के लोगों के लिए गर्व की बात है। लेकिन बीजेपी इसे भी राजनीति का मुद्दा बना रही है। अगर उन्होंने आजादी से पहले 'वंदे मातरम' के लिए लाठियां खाई होतीं, अगर इसके लिए अपनी जान कुर्बान की होती, तो आज उन्हें बोलने का हक था।"
उन्होंने कहा, "देश की जनता के साथ बीजेपी का सरोकार नहीं है। लोग इस सरकार से कट चुके हैं। यह स्वतंत्रता सेनानियों और बलिदानियों पर उपहास करना चाहते हैं।'
'अंग्रेजों की गुलामी कर रहे थे बीजेपी संगठन से जुड़े हुए नेता'
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "जब भारत की आजादी के लिए लड़ाई चरम पर थी, तब कांग्रेस 'वंदे मातरम' गाकर कुर्बानी और बलिदान का इतिहास लिख रही थी। कांग्रेस के अधिवेशन 'वंदे मातरम' गीत के साथ शुरू और संपन्न होते हैं। उस समय बीजेपी संगठन से जुड़े हुए उनके नेता अंग्रेजों की गुलामी कर रहे थे। अब बीजेपी के लोग 'वंदे मातरम' पर चर्चा के जरिए अपने पाप का प्रायश्चित करेंगे।"
'सत्ता पक्ष की 'करनी और कथनी' में अंतर'
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मैं 'वंदे मातरम' पर चर्चा का स्वागत करती हूं। यह हमारे इतिहास का हिस्सा है, जो हमारी संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह वह इतिहास है जिसमें सभी भारतीय देश से अंग्रेजों को भगाने के लिए एकजुट हुए थे। इसलिए, आज की चर्चा देश के हित में होनी चाहिए, न कि राजनीतिक फायदे के लिए। सही तरीके से 'वंदे मातरम' के विषय पर संसद में चर्चा हो तो यह अच्छा होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "हास्यास्पद यह है कि 'वंदे मातरम' पर चर्चा वे लोग करना चाह रहे हैं, जिन्होंने राज्यसभा में 'एंटी-नेशन' नोटिफिकेशन निकाला था। सांसदों पर पाबंदी लगाई गई कि वे 'जय हिंद' और 'वंदे मातरम' नारे नहीं लगा सकते। इससे स्पष्ट दिखता है कि सत्ता पक्ष की 'करनी और कथनी' में अंतर है।"
'हर विषय को विवादित बनाने में लगी रहती है बीजेपी'
समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाए कि बीजेपी हर विषय को, जिनमें उसका कोई योगदान नहीं रहा है, विवादित बनाने के प्रयास में रहती है। उन्होंने कहा, "किस तरीके से इस राष्ट्रीय गीत को विवादित बनाया जाए, बीजेपी इसी प्रयास में रहती है। यह उनकी सोच है और हम उसके विरोध में खड़े हैं।"
सपा सांसद ने कहा, "'वंदे मातरम' एक ऐसा गीत है, जिसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी की लड़ाई के दौरान खुद में जोश भरने के लिए गाया था। उसी ऊर्जा ने आखिरकार देश को आजादी दिलाने में मदद की। आज इसकी 150वीं सालगिरह के मौके पर सदन में इस पर चर्चा होनी चाहिए। यह विषय बहुत गंभीर और महत्वपूर्ण है।"
टीएमसी का बीजेपी पर तंज
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने लोकसभा में 'वंदे मातरम' पर चर्चा को लेकर कहा, "हम चर्चा में भाग लेंगे। हमें जो कहना है कहेंगे।"
सांसद कीर्ति आजाद ने कहा, "बीजेपी के नेता आज 'वंदे मातरम' पर बोलेंगे, लेकिन उनके पूर्वजों ने 'वंदे मातरम' का समर्थन नहीं किया था। उनके (बीजेपी) लिए इसका कोई मतलब नहीं है, क्योंकि वे हिंदू-मुस्लिम बंटवारे पर ध्यान देते हैं।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ