'अरावली के मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रहे हैं पर्यावरण मंत्री', BJP पर 'खनन माफिया' को संरक्षण देने का आरोप

पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अब यह बिल्कुल साफ़ हो गया है कि अरावली मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री पूरी तरह से सच नहीं बता रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं।’’

कांग्रेस ने BJP पर 'खनन माफिया' को संरक्षण देने के आरोप लगाए हैं
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने अरावली के मुद्दे को लेकर बुधवार को मोदी सरकार फिर निशाना साधा और सवाल किया कि वह इस पर्वतमाला की परिभाषा में इतनी बड़ी खामियों वाले बदलाव को आगे बढ़ाने पर क्यों अड़ी हुई है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव इस विषय पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

जयराम रमेश का मोदी सरकार से सवाल

पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला देते हुए 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘ अब यह बिल्कुल साफ़ हो गया है कि अरावली मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री पूरी तरह से सच नहीं बता रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अरावली की परिभाषा में जो बदलाव मोदी सरकार कर रही है, उसका भारतीय वन सर्वेक्षण, उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित केंद्रीय विशेषाधिकार समिति और उच्चतम न्यायालय के न्याय मित्र ने स्पष्ट और ज़ोरदार विरोध किया है।"

उन्होंने सवाल किया कि फिर भी मोदी सरकार अरावली की परिभाषा में इतनी बड़ी खामियों वाले बदलाव को आगे बढ़ाने पर क्यों अड़ी हुई है?


बीजेपी सरकार पर 'खनन माफिया' को संरक्षण देने का आरोप

कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि बीजेपी संरक्षित खनन माफिया अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन कर इसे बर्बाद करने में लगे हैं। सुरजेवाला ने आप लगाया कि, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी सहित दक्षिण हरियाणा के कई जिलों में अवैध खनन का ये काला धंधा, भाजपाई सांठगांठ से माफियाओं की अकूत कमाई का जरिया बन गया है!

कांग्रेस नेता ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “अवैध खनन से छलनी हो रही अरावली की दर्दनाक दास्तान..."बीजेपी संरक्षित" खनन माफिया रोज़ निकाल रहे 'जीवन रेखा' की ही जान!”

उन्होंने कहा कि जो 'अरावली पर्वत श्रृंखला' हमारे लिए पर्यावरण और प्राणवायु का पर्याय हैं। उसे 'संरक्षित' रखने की बजाय, बीजेपी खनन माफियाओं को संरक्षण देकर "अवैध कमाई का पहाड़" खड़ा करने में लगी है!

सुरजेवाला ने आगे लिखा, “अकेले हरियाणा के भिवानी में ही रोजाना अरावली की पहाड़ी तोड़कर 50,000 टन पत्थर निकाले जा रहे हैं, 55 मीटर की ऊंचाई ही खत्म हो गई है! एक-एक गांव में 300 क्रशर मशीनें, 500 डंपर और 150 खनन साईटें, दिन रात पहाड़ के पहाड़ निपटाने में लगी हुई हैं। यहां घरों की दीवारें दरारों से भरी हुई हैं और लोगों के दिल दिमाग में दहशत है!”

कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि, “महेंद्रगढ़, चरखी दादरी सहित दक्षिण हरियाणा के कई जिलों में अवैध खनन का ये काला धंधा, भाजपाई सांठगांठ से माफियाओं की अकूत कमाई का जरिया बन गया है! लौह अयस्क, काला और लाल पत्थर सहित निर्माण कार्य, कल पुर्जे और सीमेंट इकाइयों के लिए 'सस्ता साधन' बनी अरावली के सैकड़ो हेक्टेयर में अवैध खनन का मकड़जाल फैल चुका है!”

 सुरजेवाला ने कहा कि,  “अरावली को बर्बाद करके, जिंदगी को तबाह करता अवैध खनन का ये गोरखधंधा जल-जंगल-जमीन के साथ-साथ लोगों की ज़िंदगी के लिए भी खतरा बन गया है, मगर बीजेपी काली कमाई के धंधे में अंधी होकर अंधाधुंध खनन को हरी झंडी दे रही है!”


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय की सिफारिशों को मानते हुए अरावली पहाड़ियों की नई परिभाषा तय की है, जिसमें केवल 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली पहाड़ियां ही संरक्षित मानी जाएंगी। इस फैसले से अरावली के करीब 90 प्रतिशत हिस्से संरक्षण से बाहर हो सकते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर खनन की आशंका बढ़ गई है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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