झूठ बोलने के लिए बदनाम हैं जो डोनाल्ड ट्रंप, भला उनके द्वारा की गई मोदी की तारीफ पर कैसे किया जाए विश्वास?

महज कुछ घंटों में ट्रंप के सुर बदल गए। ऐसे में किसी का भी मन गवाही नहीं दे पा रहा है कि ये तारीफ वाकई में दिल से की गई है, या जिस झूठ बोलने के लिए ट्रंप माने जाते हैं ये उसी का एक हिस्सा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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पवन नौटियाल @pawanautiyal

पहले धमकी, फिर तारीफ... जी हां दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति और ताकतवर देशों की लिस्ट में शामिल भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के बीच कुछ ऐसा ही चल रहा है। पहले पीएम द्वारा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई के निर्यात पर रोक लगाई जाती है, फिर अमेरिका धमकी देता है.. उसके कुछ घंटे बाद ये नियम ही बदल दिया जाता है, इन सबके बीच आखिर में ट्रंप द्वारा मोदी की तारीफ भी कर दी जाती है। जिसके ना सिर्फ मोदी खुश होते हैं बल्कि तमाम नुमाईंदे ये कहते नजर आते हैं कि ट्रंप ने एक किस्म की माफी मांगी है। लेकिन ट्रंप के बार बार बदलते बयान कुछ और ही सोचने को मजबूर कर रहे हैं।

दरअसल, कोरोना संकट से जूझ रहे अमेरिका ने बीते दिनों भारत से मदद मांगी थी। इस मदद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का धमकी भरा एक बयान सामने आया था, लेकिन अब 24 घंटे में ही उनके सुर पूरी तरह से बदले हुए दिख रहे हैं। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने अब कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मसले पर उनकी मदद की, वह काफी शानदार हैं। लेकिन महज कुछ घंटों में ट्रंप के बदलते इस सुर को लोग पचा नहीं पा रहे हैं। क्योंकि जो शख्स इस समय पीएम मोदी की तारीफ कर रहा है, उसका झूठ से गहरा संबंध है। ऐसे में किसी का भी मन गवाही नहीं दे पा रहा है कि ये तारीफ वाकई में दिल से की गई है, या जिस झूठ बोलने के ट्रंप माने जाते हैं ये उसी का एक हिस्सा है।


अब जरा ट्रंप के झूठ बोलने की लिस्ट पर भी नजर डालिए। ऐसा पहली बार नहीं है जब लोगों को ऐसा लग रहा हो की ट्रंप के बदलते बयान झूठ की ओर इशारा कर रहे हो। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिनके नाम झूठ बोलने का रिकॉर्ड है। ज्यादा पुरानी बात नहीं है बल्कि साल 2019 में अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के फैक्ट चेकर्स डेटाबेस के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक (जुलाई 2019) 10 हजार 796 बार झूठ बोल चुके हैं। यानी की आज के हिसाब से देखा जाए तो ये आंकड़ कई हजार बढ़ गया होगा। इतना ही नहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने औसतन रोजाना 12 बार झूठ बोला है। वॉशिंगटन पोस्ट के फैक्ट चेकर्स डेटाबेस का कहना था कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के कई बयान की पड़ताल की गई। इसमें ट्रंप के ज्यादातर बयान झूठे पाए गए।

ट्रंप के वो बड़े बयान जो झूठ निकले

डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको की दीवार बनाने के फंड की मंजूरी के लिए भी कई झूठे दावे किए। इसके अलावा उन्होंने कारोबार और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल के मुद्दे पर भी कई बार झूठ बोला। इसके अलावा कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इंटरनेशनल झूठ से पूरी दुनिया में खलबली मच गई थी। दरअसल, वॉशिंगटन डीसी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मध्यस्थता की अपील की है और इसके लिए तैयार है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने फौरन डोनाल्ड ट्रंप के दावे का खंडन कर दिया था।


यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर इनती आसानी से विश्वास करना मुश्किल सा हो रहा है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के मसले पर अमेरिकी न्यूज़ चैनल फॉक्स न्यूज़ से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ हुए पूरे विवाद पर बात की। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम विदेश से कई सारी दवाईयां मंगवा रहे हैं, इसको लेकर मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की क्योंकि भारत से भी काफी दवाई आ रही हैं। ये वही ट्रंप थे जो कुछ घंटे पहले भारत को दवाईयां ना देने पर धमकी दे रहे थे।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीते दिन अपने एक बयान में कहा था कि अगर भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई नहीं करता है, तो वह उनपर जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। जिसके बाद भारत में इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था। विपक्षी पार्टियों की तरफ से सरकार पर अमेरिका के दबाव में काम ना करने को कहा गया था। लेकिन इन सबके बीच मोदी ने वही किया जिसके खिलाफ पूरा भारत था। मोदी ने बिना सोचे हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई के निर्यात का नियम ही बदल दिया।

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