मोदी सरकार से उठ चुका है अन्नदाताओं का भरोसा, एक फैसले से राजी नहीं होंगे किसान, चुनावों में भुगतना पड़ेगा अंजाम: सचिन पायलट

कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसी भी तरह से किसानों के मन की पीड़ा खत्म करने में कामयाब नहीं होगी, अह बहुत देर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में किसानों की ओर से इतना लंबा आंदोलन नहीं देखा गया।

फोटो :Getty Images
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कृषि कानून और एमएसपी के मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। सचिन पायलट ने कहा कि उपचुनावों में हार और आने वाले विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है। कांग्रेस नेता ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा के साथ इंटरव्यू में कहा कि किसान एक फैसले से राजी नहीं होने वाले हैं। उन्होंने दावा किया कि अन्नदाताओं का भरोसा मोदी सरकार से उठ चुका है।

सचिन पायलट ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि मोदी सरकार को न सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देनी चाहिए, बल्कि उपज की खरीद सुनिश्चित करने के लिए भी कोई नियमन या कानून बनाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसी भी तरह से किसानों के मन की पीड़ा खत्म करने में कामयाब नहीं होगी, अह बहुत देर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में किसानों की ओर से इतना लंबा आंदोलन नहीं देखा गया। सचिन पायलट ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र की गलती की वजह से लोगों की जान और जीविका को नुकसान पहुंचा। पायलट ने कहा कि किसानों को नक्सलवादी, अलगाववादी और आतंकवादी तक कहा गया। मंत्री के रिश्तेदारों ने लोगों पर गाड़ियां चढ़ा दीं।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कहा कि सरकार ने ये फैसला अपने राजनीतिक फायदे के लिए लिया है। उन्होंंने कहा कि अगर किसानों को लेकर सरकार के मन में इतनी कड़वाहट थी तो फिर इन कानूनों को वापल क्यों लिया? पायलट ने कहा कि उपचुनाव में हार और आगे विधानसभा चुनाव में हार की डर से मोदी सरकार को कृषि कानूनों को रद्द करने का फैसला लेना पड़ा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी। पायलट ने आरोप लगाया कि कानून बनाने की घोषणा से पहले किसान संगठनों के साथ कोई बातचीत नहीं की गई। संसद में 'प्रचंड बहुमत' के बल पर इन कानूनों को थोप दिया गया। किसानों का गला घोंट दिया गया। सचिन पायलट ने कहा कि किसान कभी सरकार पर भरोसा नहीं करेंगे और हमेशा इस सरकार को संदेह की नजर से देखेंगे।

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