'जिनका संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं, वे हमें संविधान पर नसीहत न दें', कांग्रेस अध्यक्ष का पीएम मोदी पर पलटवार
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार शासन में नाकाम रही। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, नोटबंदी और काले धन के मामले में भी विफल रही। उन्होंने दावा किया कि विफलताओं को छिपाने के लिए यह नाटक रचा गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), सरकार की नाकामियों को छिपाने के लिए नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और पीएम मोदी के कारण आज संविधान खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि, "अब ये संविधान बचाओ की बात कर रहे हैं। उन्होंने बीजेपी के वैचारिक पूर्वजों (आरएसएस) का हवाला देते हुए कहा कि जिनका आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा, जिनका संविधान के निर्माण कोई योगदान नहीं रहा, जो हमेशा संविधान के खिलाफ बात करते रहे, जिन लोगों ने बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को रामलीला मैदान में जलाया, उन्हें अब सदबुद्धि आई। खड़गे ने दावा किया, "हम एक साल से संविधान बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं, उससे बीजेपी घबरा गई है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार शासन में नाकाम रही। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, नोटबंदी और काले धन के मामले में भी विफल रही। उन्होंने दावा किया कि विफलताओं को छिपाने के लिए यह नाटक रचा गया है।
खड़गे ने आरोप लगाया कि मौजूदा समय में निर्वाचन आयोग कठपुतली बन गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर भी पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिसके अंदर कई अवगुण है, वह भी हीरो बनना चाहता है।
खड़गे ने कहा, "ट्रंप ने बार-बार कहा कि मैंने हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाई। लेकिन नरेंद्र मोदी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला। ट्रंप ने ये बात 1-2 बार नहीं 17 बार बोली तब भी मोदी चुप रहे। नरेंद्र मोदी ट्रंप से डरते हैं, लेकिन 'विश्वगुरू' बनना चाहते हैं। एक तरफ ट्रंप, नरेंद्र मोदी को डराते हैं और दूसरी तरफ ये ट्रंप के लिए प्रचार करने जाते हैं और ' अबकी बार ट्रंप सरकार' कहते हैं। मतलब जिसके अंदर इतने अवगुण हैं, वो भी हीरो बनना चाहता है।"
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहलगाम हमले का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि पहलगाम मामले पर समूचा विपक्ष संसद के संयुक्त सत्र की मांग कर रहा था। लेकिन सरकार ने सत्र नहीं बुलाया। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में भी प्रधानमंत्री नहीं आए, क्योंकि वे बिहार में प्रचार में व्यस्त थे।
उन्होंने कहा कि पहले के प्रधानमंत्री अपनी बात पत्रकारों के सामने रखते थे, वहां सवाल-जवाब भी किए जाते थे। लेकिन नरेंद्र मोदी सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही इंटरव्यू देते हैं, जहां पहले से ही चुने हुए सवाल और उनके तय जवाब होते हैं। ये नरेंद्र मोदी की लोकतंत्र में पारदर्शिता है। नरेंद्र मोदी को जनता की जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए, उनके लिए काम करना चाहिए, लेकिन ये सब छोड़कर वो सिर्फ चुनाव में व्यस्त रहते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने मणिपुर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर जल रहा है, लेकिन नरेंद्र मोदी आजतक वहां नहीं गए। वहां संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं, जिसके लिए बीजेपी ही जिम्मेदार है। उन्होंने कुछ सवाल मणिपुर से संबंधित उठाए:
नरेंद्र मोदी आजतक मणिपुर क्यों नहीं गए?
क्या उन्हें मणिपुर जाने में डर लगता है?
क्या मणिपुर के लोग भारत के नागरिक नहीं हैं?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, "इसीलिए, हम कहते हैं कि नरेंद्र मोदी की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। अगर राहुल गांधी जी मणिपुर, जम्मू-कश्मीर जा सकते हैं, तो नरेंद्र मोदी क्यों नहीं जा सकते, क्या वे अपने देश के लोगों से मिलने में डरते हैं?"
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