तीस हजारी हिंसा: अपनी मांगों पर अड़े पुलिस कर्मियों ने PHQ को घेरा, DCP बोले- ये परीक्षा की घड़ी, काम पर लौटें

दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने PHQ के बाहर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि तीस हजारी और दिल्ली के अन्य कोर्ट परिसर में पुलिस कर्मियों के साथ हुई मारपीट की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाएगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में पार्किंग को लेकर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसा के बाद बौखलाए हजारों पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए वकीलों पर कार्रवाई की मांग की। पुलिसकर्मियों ने कहा कि पुलिसकर्मियों की पिटाई होने के बावजूद उन पर ही कार्रवाई किया जाना शर्मनाक है।

दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने यहां प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि तीस हजारी और दिल्ली के अन्य कोर्ट परिसर में पुलिस कर्मियों के साथ हुई मारपीट की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी। कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली पुलिस के लिए यह परीक्षा और प्रतीक्षा की घड़ी है।

अमूल्य पटनायक ने इस दौरान सभी कर्मियों से शांति बनाए रखने और काम पर वापस लौटने की अपील की। वकीलों और दिल्ली पुलिस के बीच चल रहे विवाद को लेकर दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को इस पूरे मामले की रिपोर्ट सौंपी है।

पुलिस कर्मियों के प्रदर्शन पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा, “72 साल में पहली बार पुलिस प्रदर्शन पर! क्या ये है भाजपा का ‘न्यू इंडिया’? देश को कहां और ले जाएगी भाजपा? कहां गुम हैं गृह मंत्री, श्री अमित शाह? मोदी है तो ही ये मुमकिन है!”


क्या हैं पुलिस कर्मियों की मांग

  • सभी स्तर के जजों की पुलिस सुरक्षा वापिस की जाए।
  • हिंसा में शामिल सभी वकीलों के ऊपर आपराधिक मुकदमें चलाए जाएं।
  • हिंसा से प्रभावित सभी पुलिस ऑफिसर्स और कर्मचारियों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया जाए।
  • अदालतों और वकीलों से असहयोग।
  • अदालतों से पूर्ण रूप से सुरक्षा हटाई जाए।
  • ट्रैफिक पुलिस द्वारा वकीलों से कोई नरमी न बरती जाए।
  • वकीलों और उनके स्टाफ की दिल्ली के तमाम थानों और पुलिस कार्यालयों में एंट्री पर प्रतिबंध लगाया जाए।
  • पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मचारियों के लिए पुलिस प्रोटेक्शन एक्ट बनें।
  • दिल्ली पुलिस अधिकारी और कर्मचारी संगठन फिर से बहाल किया जाए।
  • दिल्ली की सरकार से कोई पुलिस कर्मी सहयोग न ले।

बता दें कि बीते शनिवार को मामूली पार्किंग विवाद को लेकर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जिसके बाद गुस्साए वकीलों ने कुछ पुलिस अधिकारियों की पिटाई कर दी थी। इसके बाद हालात काबू करने के लिए पुलिस की ओर से फायरिंग की भी बात सामने आई थी। इस घटना में दो वकील बुरी तरह घायल हो गए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


तीस हजारी मामले के बाद दिल्ली की साकेत और कड़कड़डूमा कोर्ट में भी पुलिस और वकीलों के बीच झड़प की खबरें आई थीं। इसी बीच वकीलों द्वारा एक बाइक सवार पुलिस कर्मी के साथ मारपीट की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिसके बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस के हजारों कर्मचारी दिल्ली के आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर इकठ्ठा हुए और कमिश्नर अमूल्य पटनायक से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने लगे।

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