जीएसटी की मार : आज से ट्रकों की हड़ताल, शुक्रवार को पेट्रोल पंप बंद

सोमवार से देश भर के ट्रक 36 घंटे के लिए चक्का जाम कर देंगे और शुक्रवार से देश भर के पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। ये दोनों हड़ताल जीएसटी पर बने भ्रम के कारण हो रही हैं, जिसे सरकार दीवाली का गिफ्ट बता रही है

फोटो : Getty Images
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IANS

सलमान खान की फिल्म दबंग का एक डायलॉग था, हम तुममे इतने छेद कर देंगे कि कंफ्यूज हो जाओगे कि......केंद्र की मोदी सरकार ने जीएसटी को लेकर इतनी बार नियम बदले हैं कि पूरा देश कंफ्यूज हो गया है कि कौन सा नियम मानें और कौन सा नहीं। और मानें भी तो कोई गारंटी नहीं कि यह नियम अगले हफ्ते या अगले दिन बदला जाएगा यह ऐसा ही रहेगा। इसी कंफ्यूजन का नतीजा है कि अब देश भर के ट्रक ऑपरेटर्स ने सोमवार से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। उनका कहना है कि डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर उनका कंफ्यूजन दूर किया जाए। लेकिन इस हड़ताल से रोजमर्रा की चीज़ों की कमी हो जाने और उनके दाम बढ़ जाने की आशंका है।

गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभात कुमार मित्तल ने कहा है कि , "जीएसटी लागू होने के बाद परिवहन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) और अन्य ट्रासपोर्ट एसोसिएशनों ने दो दिनों की सांकेतिक राष्ट्रीय हड़ताल का आह्वान किया है, जो नौ अक्टूबर (सोमवार) को सुबह आठ बजे से शुरू होगी और 10 अक्टूबर को शाम आठ बजे खत्म होगी। हम भी इसका समर्थन करते हैं।" उन्होंने कहा कि जीएसटी की लगातार बदलती नीतियों के कारण सड़क परिवहन क्षेत्र में बहुत भ्रम और विघटन पैदा हुआ है।

उन्होंने कहा, "डीजल के दाम में बेशुमार बढ़ोत्तरी और दाम में रोजाना उतार-चढ़ाव सड़क परिवहन क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। डीजल और टोल पर किया जानेवाला खर्च ट्रक चलाने के कुल खर्च के 70 फीसदी से भी अधिक है, जबकि डीजल को ही जीएसटी के अंतर्गत नहीं रखा गया है।" एआईएमटीसी के कार्यकारी अध्यक्ष एस. के. मित्तल ने आईएएनएस को बताया, "वर्तमान विघटनकारी परिस्थितियों की जायज चिंताओं और उससे होनेवाली हानि को उजागर करने के लिए यह सांकेतिक हड़ताल की जा रही है। इसमें 80 लाख से अधिक ट्रक शामिल होंगे और सड़क पर नहीं उतरेंगे।"

उधर देश भर के करीब 54,000 पेट्रोल पंप मालिकों ने 13 अक्टूबर को दिनभर की हड़ताल का ऐलान किया है। उनका कहना है कि, "सभी पेट्रोलियम पदार्थों को अनिवार्य रूप से वस्तु एवं सेवा कर शासन के तहत लाया जाना चाहिए, ताकि हमारी लंबे समय से लंबित 'एक देश एक कर' की मांग पूरी हो, जिससे ग्राहकों को फायदा होगा।" पेट्रोल पंप एसोसिएशन का कहना है कि जुलाई से लागू दैनिक मूल्य संशोधन ढांचे की समीक्षा की जानी चाहिए क्योंकि यह न तो ग्राहकों और न ही डीलरों के लिए फायदेमंद है। एसोसिएशन का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों की 'होम डिलिवरी' सुविधा से कई सुरक्षा चिंताएं जुड़ी हैं, जिसके कारण कई गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इसलिए इस फैसले पर दोबारा विचार की जरूरत है।

एसोसिएशन ने कहा है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो पहले कदम के तौर पर देश भर के 54,000 पेट्रोल पंप 13 अक्टूबर को खरीद-बिक्री बंद रखेंगे। अगर हमारी मांगें फिर भी नहीं मानी जाती हैं तो हम 27 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे।"

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Published: 07 Oct 2017, 10:59 PM