उन्नाव रेप केस: बर्खास्त बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर दोषी करार, 17 दिसंबर को होगा सजा का ऐलान

तीस हजारी कोर्ट ने बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को आपराधिक साजिश, अपहरण, और POCSO एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। 17 दिसंबर को कोर्ट सेंगर की सजा का ऐलान करेगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश के बहुचर्चित उन्नाव रेप केस में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में मुख्य आरोपी बर्खास्त बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया गया है। दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। रेप केस मामले में सेंगर की सजा का ऐलान 17 दिसंबर को होगा।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि रेप पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए केस दर्ज कराने में देरी की थी। कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं। इस मामले में कोर्ट ने CBI को फटकार लगाते हुए कहा कि गैंगरेप वाले केस में CBI ने चार्जशीट दाखिल करने में एक साल का समय क्यों लगाया?


तीस हजारी कोर्ट ने बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को आपराधिक साजिश, अपहरण, और POCSO एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। सेंगर की सजा का ऐलान 17 दिसंबर को होगा।

गौरतलब है कि उन्नाव रेप केस मामले में पीड़िता की ओर से कुल दर्ज 5 FIR में से एक पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इसके अलावा पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत, पीड़िता और उसके परिवार की हत्या की कोशिश, सड़क दुर्घटना में उसके परिवार की दो महिलाओं की मौत और उसके चाचा के खिलाफ कथित रूप से झूठा मामले दर्ज करने से जुड़े अन्य मामले भी दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में चल रहे हैं।


बता दें कि 4 जून 2017 में पीड़िता विधायक सेंगर के घर नौकरी मांगने गई थी, जहां सेंगर ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले में बीजेपी विधायक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अपनी बेटी के साथ हुए दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखवाने गए पीड़िता के प‍िता की 9 अप्रैल को माखी पुल‍िस स्‍टेशन में प‍िटाई की गई थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गयी।

इस मामले में पीड़िता ने मीडिया से बात करते हुए बीजेपी विधायक को मौत की सजा दिए जाने की मांग की थी। उसने कहा था, “मेरे साथ बलात्कार और मेरे पिता की हत्या के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लिए मैं मौत की सजा की मांग करती हूं।”

28 जुलाई को रायबरेली की जेल में बंद अपने चाचा से मिलने उन्नाव से रायबरेली जा रही पीड़िता की गाड़ी का भीषण एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें इसके परिवार की दो महिलाओं की मौत हुई थी, जबकि पीड़िता और उसके वकील की हालत बेहद ही नाजुक बनी हुई थी।

एक्सीडेंट के बाद कुलदीप सेंगर पर पीड़िता और उसके परिवार की हत्या के आरोप लगे थे। पूर्व मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने इस मामले की तत्काल सुनवाई के आदेश दिए थे। जिसके बाद कुलदीप सेंगर को लखनऊ की सीतापुर जेल से दिल्ली लाया गया था। पीड़िता की हालत में सुधार आने के बाद रंजन गोगोई ने पीड़िता और उसके परिवार को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पीड़िता को 25 लाख रूपये दिए जाने का आदेश दिया था।

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