यूपी: गृहकर से मुक्त किए गए अयोध्या के 1080 मठ-मंदिर, साल भर में बस एक बार इतना देना होगा टोकन मनी
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के 1080 मठ-मदिरों को गृहकर से मुक्त क दिया है। इन्हें अब टैक्स नहीं देना होगा। इसके बदले नगर निगम अब इनसे टोकन मनी के रूप में एक-पांच हजार रुपये सालाना सहयोग लेगा।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-11%2F6355c699-dac6-4cfd-94ba-93aac51747eb%2Fayodhya_01.jpg?rect=0%2C0%2C1200%2C675&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के 1080 मठ-मदिरों को गृहकर से मुक्त क दिया है। इन्हें अब टैक्स नहीं देना होगा, हां इसके बदले नगर निगम अब इनसे टोकन मनी के रूप में एक-पांच हजार रुपये सालाना सहयोग लेगा।
रामनगरी अयोध्या में मठ और मंदिरों की संख्या बहुत ज्यादा है। यहां करीब आठ हजार मठ-मंदिर हैं। पहले इन्हें आम घरों की तरह ही हाउस टैक्स देना पड़ता था। नगर निगम द्वारा हर साल इन से भी टैक्स लिया जाता था। इन मठ-मंदिरों की आमदनी लोगों द्वारा गए दान से होती है, लेकिन कोरोना काल में इनकी आय खत्म हो गई। इसकी वजह से यहां रहने वाले साधु-संतों को टैक्स देने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि कोरोना काल में आम लोगों की आय पर भी असर पड़ा। लाखों लोगों की नौकरी चली गई। घर चलाना मुश्किल हो गया। इसी बीच साधु-संतों ने मठ-मंदिरों पर आवासीय भवनों की तर्ज पर लगाए जा रहे भारी टैक्स की शिकायत मुख्यमंत्री से की। मुख्यमंत्री ने मठ-मंदिरों को टैक्स से मुक्त करने का निर्देश दिया है।
योगी सरकार ने टैक्स में छूट लेने के लिए कुछ मानक भी तय किए थे। इसके लिए नगर निगर में अयोध्या के मठ और मंदिरों का सर्वे कराया। जिसके बाद छूट पाने योग्य मठों और मंदिरों की सूची तैयार की गई। इस सर्वे के आधार पर 1080 मठ-मंदिर कर में छूट पाने के पात्र पाए गए। इन्हें अब कर से मुक्त कर दिया गया है। लेकिन इन्हें टोकन मनी के रूप में सालाना एक हजार से पांच हजार तक का सहयोग देना होगा। इसके लिए नगर निगम द्वारा मंदिर की भव्यता और परिसर के क्षेत्रफल के हिसाब से श्रेणी तैयार की गई है। जिसमें 1000, 3000 और 5000 रुपये की सहयोग राशि मठ-मंदिरों को नगर निगम को देना होगा।
रह गए मठ-मंदिर कर सकेंगे आवेदन
फिलहाल अयोध्या के सभी मठ-मंदिरों को कर से मुक्त नहीं किया गया है। अमर उजाला की खबर के मुताबिक जो मठ-मंदिर रह गए हैं, उनके लिए अब भी अवसर है। सहायक नगर आयुक्त अंकिता शुक्ला ने मुताबिक ऐसे मठ-मंदिर जो सर्वे में छूट गए हैं उनके स्वामी/महंत आवेदन कर सकते हैं। शासन द्वारा तय की गई गाइड लाइन के अंतर्गत आने पर ऐसे मठ-मंदिरों को भी कर मुक्त किया जाएगा, केवल टोकन मनी के रूप में सहयोग लिया जाएगा।
भवनों के व्यावसायिक इस्तेमाल पर देना होगा टैक्स
अयोध्या में कई ऐसे मठ-मंदिर हैं, जिनके भवनों का इस्तेमाल व्यवसाय के लिए किया जा रहा है। इन्हें कर मुक्त योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। सहायक नगर आयुक्त अंकिता शुक्ला का कहना है कि किसी मठ-मंदिर द्वारा अपने भवन का प्रयोग होटल, दुकान आदि के लिए किया जा रहा है तो उस भाग पर उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 174(1) (क) के अंतर्गत कर लिया जाएगा।
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