योगी आदित्यनाथ की फोटो से सांकेतिक विवाह पड़ा मंहगा, देशद्रोह के आरोप में महिला को जेल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर से सांकेतिक विवाह करने वाली महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। महिला और उसकी सहेलियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर से सांकेतिक शादी करने वाली आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ अध्यक्ष नीतू सिंह और उसकी तीन सहेलियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

आरोप है कि आंगनबाड़ी कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रही इन महिलाओं ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नैमिषारण्य आगमन पर उनके काफिले को रोकने का प्रयास किया था। ये सभी महिलाएं सीतापुर आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की महिलाएं हैं, जिनका नेतृत्व संघ की अध्यक्ष नीतू सिंह कर रही थीं। जेल भेजे जाने वाली आंगनबाड़ी कर्मचारियों में संघ की जिलाध्यक्ष नीतू सिंह और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू बंसवार समेत सविता वर्मा और संतोष कुमारी का नाम शामिल है। इन सभी को शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पूनम सिंह की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

फोटोः सोशल मीडिया
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योगी आदित्यनाथ की तस्वीर को वरमाला डालते हुए नीतू सिंह

नीतू सिंह को कोर्ट से जेल भेजे जाने के दौरान कोर्ट परिसर में मौजूद सैकड़ों आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ताओं ने नीतू सिंह जिंदाबाद के नारे लगाए। अपने खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने पर नीतू सिंह ने कहा कि उन्होंने चुनाव में बीजेपी को वोट किया था, जिसकी उन्हें ये सजा मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बातचीत के बहाने बुलाया गया और उनपर देशद्रोह का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया।

बता दें कि अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं कई दिनों से प्रदर्शन कर रही हैं। शुक्रवार को इन महिलाओं ने नैमिषारण्य शंखनाद कार्यक्रम में जा रहे सीएम आदित्यनाथ के काफिले को रोकने की कोशिश की थी। इससे पहले संघ की अध्यक्ष नीतू सिंह ने दुल्हन की तरह सज-धजकर सीएम की तस्वीर के साथ सांकेतिक विवाह किया था। उन्होंने सीएम से सांकेतिक शादी करने के बाद कहा था कि या तो मुख्यमंत्री मुझे अपने साथ ले चलें या फिर आंगनबाड़ी कर्मचारियों को 15000 रुपए महीने का भत्ता दें। इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि चारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बार-बार सड़क जाम कर रही थीं, जिसकी वजह से उनके खिलाफ सख्त धाराओं में कार्रवाई की गई है।

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