सिर्फ 5 मिनट में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा देने वाली विदिशा मित्रा कौन हैं, पढ़ें उनके बारे में

विदिशा मैत्रा संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव हैं और यूएन मिशन में वो भारत की सबसे नई अधिकारियों में से एक हैं। मैत्रा 2009 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी हैं। उन्होंने 2008 में सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों की भारत ने कुछ ही घंटों के भीतर बखिया उधेड़क कर रख दी है। यूएन में भारत ने ऐसा पलटवार किया कि दुनिया के सामने पाकिस्तान के पसीने छूट गए। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अपने सबसे नई अधिकारी विदिशा मैत्रा को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। मैत्रा ने सिर्फ 5 मिनट में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दीं। इस बात के लिए विदिशा मैत्रा की चारों तरफ चर्चा हो रही है। सभी लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं।

विदिशा मैत्रा संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव हैं और यूएन मिशन में वो भारत की सबसे नई अधिकारियों में से एक हैं। मैत्रा 2009 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी हैं। उन्होंने 2008 में सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी और देश में 39वां स्थान हासिल किया था। 2009 में ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बेस्ट ट्रेनिंग ऑफिसर का अवॉर्ड दिया गया था।


भारत ने विदिशा मैत्रा को सुरक्षा परिषद से जुड़े काम का जिम्मा दे रखा है। वे सिक्युरिटी काउंसिल (पड़ोस/क्षेत्रीय) से जुड़े मामलों को देखती हैं। विशेष राजनीतिक मिशन में मैत्रा की अहम भूमिका रहती है। इसके साथ ही वे गुट निरपेक्ष देशों के साथ समन्वय, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की जिम्मेदारी भी उनके पास है। संयुक्त राष्ट्र के जरिए दुनिया के नामचीन विश्वविद्यालयों, कॉलेज और शिक्षण संस्थान से संपर्क करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास है।

विदिशा मैत्रा ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दीं। उन्होंने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या पाकिस्तान की सरकार इस बात स्वीकार करेगी कि वह दुनिया की अकेली ऐसी सरकार है जो यूएन द्वारा प्रतिबंधित अल-कायदा और आईएसआईएस के एक आतंकवादी को पेंशन देती है। उन्होंने पूछा कि क्या क्या पाकिस्तान समझा सकता है कि क्यों यहां न्यूयॉर्क में उसके हबीब बैंक पर टेरर फाइनेंसिंग के लिए जुर्माना लगाया गया और फिर क्यों बैंक बंद करना पड़ा। उन्होंने कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात को झुठला सकता है कि वह ओसामा बिन लादेन का खुलाआम समर्थन करता था।

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