यूपी: ‘चौराहे पर खड़े रहेंगे पुलिस वाले ट्रैफिक नहीं संभालेंगे, वारदात हो जाएगी, कार्रवाई नहीं करेंगे’

विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपी सिपाही पर कार्रवाई को लेकर यूपी के पुलिस कर्मियों की नाराजगी अभी शांत नहीं हुई है। प्रदेश के पुलिसकर्मियों में अंदर ही अंदर विरोध की आग सुलग रही है, जो आने वाले दिनों में सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी समस्या बन सकती है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मेरठ के खुफिया शाखा के एसपी द्वारा भेजे गए एक अतिगोपनीय पत्र ने यूपी पुलिस के आलाधिकारियों की नींद उड़ा दी है। पत्र विवेक तिवारी हत्याकांड से जुड़ा है और इसमें आरोपी सिपाही प्रशांत के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर प्रदेश भर के पुलिसकर्मियों की नाराजगी और विरोध में मोर्चेबंदी की ओर इशारा है। यह अतिगोपनीय पत्र मेरठ जिले के खुफिया शाखा के एसपी आर पी पांडे ने 9 जिलों के आलाधिकारियों को भेजा है। पत्र में उन्होंने व्हॉट्सएप पर वायरल हो रहे एक मैसेज का जिक्र करते हुए आशंका जताई है कि सोशल मीडिया के जरिये पुलिसकर्मियों को भड़काया जा रहा है और अंदर ही अंदर एक बड़े आंदोलन की तैयारी हो रही है।

यूपी: ‘चौराहे पर खड़े रहेंगे पुलिस वाले ट्रैफिक नहीं संभालेंगे, वारदात हो जाएगी, कार्रवाई नहीं करेंगे’

पत्र में जिक्र किये गए वायरल मैसेज में प्रदेश के तमाम पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए आने वाले 10 अक्टूबर को ना सिर्फ काली पट्टी बांध कर विरोध करने के लिए कहा गया है, बल्कि उनसे अपनी ड्यूटी भी नहीं निभाने के लिए कहा गया है। मैसेज में साफतौर पर प्रदेश भर के पुलिसकर्मियों को काली पट्टी बांधकर ड्यूटी जाने पर कोई काम नहीं करने के लिए कहा गया है। मैसेज में इस संदेश को आगे फारवर्ड करने के लिए भी कहा गया है। साथ ही ये भी चेतावनी दी गई है कि ऐसा करके विरोध किया तो आने वाला कल आप सबका होगा, वर्ना हर जगह मार खाना होगा।

इस पत्र से साफ है कि कोई अंदर ही अंदर प्रदेश के पुलिसकर्मियों को विरोध करने के लिए उकसा रहा है। हालांकि ये संदेश किसने किसे भेजा है, ये अभी साफ नहीं है, लेकिन ये स्पष्ट है कि यूपी पुलिस के जवान अंदर-अंदर ही सुलग रहे हैं और किसी बड़े विरोध की साजिश रची जा रही है, जो कभी भी शासन-प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है। इससे पहले भी यूपी पुलिस के कुछ जवान काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जता चुके हैं। हालांकि प्रदेश के डीजीपी बार-बार अपने जवानों पर भरोसा जता रहे हैं और ऐसी किसी भी आशंका से इनकार कर रहे हैं।

वहीं इस बीच इस वायरल मैसेज को गंभीरता से लेते हुए यूपी पुलिस के आलाधिकारियों ने इस संबंध में अलग-अलग जिलों से खूफिया सूचनाएं मंगाई हैं, ताकि पुलिसकर्मियों के किसी विरोध या आंदोलन की साजिश से समय रहते निपटा जा सके, जिससे यह प्रदेश की सरकार और पुलिस के लिए कोई बड़ा मुद्दा ना बन जाए।

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