"चुनाव आयोग ने मतदान डेटा जारी करने में देरी क्यों की?" खड़गे ने सहयोगियों से आवाज उठाने का किया आग्रह

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ईसीआई की विश्वसनीयता गर्त में जा चुकी है। इतिहास में शायद पहली बार है, जब चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के अंतिम मतदान के आंकड़ों को जारी करने में इतनी देरी की।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को इंडिया ब्लॉक के नेताओं को एक पत्र लिखा। पत्र में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी मतदान आंकड़ों में विसंगतियों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने गठबंधन के सहयोगियों से विसंगतियों के खिलाफ "सामूहिक, एकजुट और स्पष्ट रूप से" आवाज उठाने का आग्रह किया।

खड़गे ने कहा कि ईसीआई की विश्वसनीयता गर्त में जा चुकी है। इतिहास में शायद पहली बार है, जब चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के अंतिम मतदान के आंकड़ों को जारी करने में इतनी देरी की।

उन्होंने कहा, "अपने 52 साल के चुनावी जीवन में, मैंने अंतिम प्रकाशित आंकड़ों में मतदान प्रतिशत में इतनी अधिक वृद्धि कभी नहीं देखी। 30 अप्रैल को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों के लिए अंतिम मतदान डेटा जारी किया। यह डेटा पहले चरण के मतदान (19 अप्रैल) के 11 दिन बाद और दूसरे चरण (26 अप्रैल) के 4 दिन बाद जारी किया गया। खड़गे ने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने मतदान डेटा जारी करने में देरी क्यों की?"


उन्होंने पत्र में लिखा कि पहले चरण (102 सीटों) के लिए, "आयोग ने कहा कि 19 अप्रैल को शाम सात सात बजे तक अनुमानित मतदान लगभग 60 प्रतिशत था, जबकि दूसरे चरण (88 सीटों) के लिए भी अनुमानित मतदान प्रतिशत लगभग 60.96 प्रतिशत था। खड़गे ने पूछा कि ऐसा क्यों है कि पहले चरण के लिए आयोग का अनुमानित मतदान डेटा 65.5 प्रतिशत हो गया और दूसरे चरण के लिए यह बढ़कर 66.7 प्रतिशत हो गया। आख़िरकार 30 अप्रैल को पहले चरण के लिए 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण के लिए 66.71 प्रतिशत मतदान बताया गया।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "इस संदर्भ में, मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि हमें सामूहिक रूप से, एकजुट होकर और स्पष्ट रूप से ऐसी विसंगतियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि हमारा एकमात्र उद्देश्य एक जीवंत लोकतंत्र की संस्कृति और संविधान की रक्षा करना है।"

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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