मैं किसी से भी मिलूं, बीजेपी के पेट में दर्द क्यों: हार्दिक पटेल

पाटीदार, ओबीसी और दलित सुमदायों का नेतृत्व करने वाले तीनों युवा तुर्क - हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश ने यह संकल्प लिया है कि वे बीजेपी को चुनाव में हराने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।

हार्दिक पटेल/ फाइल फोटो: Getty Images
हार्दिक पटेल/ फाइल फोटो: Getty Images
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आर के मिश्रा

“बीजेपी को मेरी मुलाकातों से प्रसव वेदना क्यों हो रही है”, हार्दिक पटेल ने आश्चर्य व्यक्त किया जब गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने उन्हें राहुल गांधी से हुई मुलाकात से इंकार करने के लिए ‘झूठा’ कहा। युवा पाटीदार नेता ने सहज भाव से कहा कि वे उस होटल गए थे जहां राहुल गांधी ठहरे हुए थे। लेकिन उन्होंने दावा किया कि उनकी मुलाकात राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुई थी जो गुजरात में कांग्रेस चुनाव अभियान के प्रभारी भी हैं।

उनके होटल आने और वहां से निकलने से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने जब्त कर लिया क्योंकि वहां ‘वीआईपी गतिविधि’ हो रही थी और कुछ ही समय बाद उसके कुछ हिस्से को चुनिंदा टेलीविजन चैनलों पर दिखाई देने लगे।

दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने इस बात पर चुटकी लेते हुए कहा कि समय आ गया है कि बीजेपी नेताओं को उनका रक्तचाप दुरूस्त रखने के लिए दवा उपहार में दिया जाए। उन्होंने जोड़ा, “आने वाले हफ्तों में उन्हें इसकी बहुत जरूरत पड़ेगी।” इस तिकड़ी के तीसरे नेता अल्पश ठाकोर ने दावा किया बूथ आधारित योजना और लोगों का समर्थन कांग्रेस की चुनाव में जीत को सुनिश्चित करेगा।

चुनाव आयोग द्वारा 25 अक्टूबर को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों (9 और 14 दिसंबर) की घोषणा का सबसे ज्यादा स्वागत राज्य की नौकरशाही ने किया। प्रधानमंत्री की लगातार यात्राओं और बीजेपी द्वारा आयोजित बड़े कार्यक्रमों की वजह से अधिकारियों को इस पूरे महीने व्यस्त रखा गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीजेपी नेताओं की तरफ से सुरक्षा उपलब्ध कराने की लगातार मांग को पूरा करना मुश्किल हो रहा था। अधिकारी ने दावा किया कि चुनाव आचार संहित लागू होने से नौकरशाहों ने चैन की थोड़ी सांस ली है।

चुनाव की अधिसूचना जारी होने के कुछ घंटों बाद ही पूर्व कांग्रेस नेता शंकरसिंह वाघेला ने आने वाले चुनावों में हिस्सा लेने के लिए ऑल इंडिया हिन्दुस्तान कांग्रेस को ‘अधिग्रहित’ करने की घोषणा की। पाटीदार, ओबीसी और दलित सुमदायों का नेतृत्व करने वाले तीनों युवा तुर्क - हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश ने यह संकल्प लिया है कि वे बीजेपी को चुनाव में हराने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।

इस बीच उत्तरी गुजरात के शहर विसनगर के सेशन कोर्ट ने बुधवार को हार्दिक पटेल और सरदार पटेल समूह के नेता लालजी पटेल ने खिलाफ सुनवाई के दौरना गैर-हाजिर रहने पर गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया।

पुलिस ने हार्दिक और 17 अन्य के खिलाफ जुलाई 2015 में एक विरोध रैली के दौरान बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर पर हमला करने के लिए मामला दर्ज किया था।

लालजी पटेल ने मीडिया को बताया, “मैं पिछली बार को छोड़कर लगातार कोर्ट की सुनवाई में हिस्सा ले रहा हूं और मैंने अब तक किसी गैर-हाजिरी के लिए वारंट जारी करने के बारे में नहीं सुना है।” हार्दिक के सहयोगी दिनेश भंबनिया ने भी यही बात कही।

पाटीदार आंदोलन के नेता अतुल पटेल ने कहा, “सरकार अपने उतावलेपन में यह कह रही है और चुनाव में जीत की बीजेपी की संभावना और खत्म होगी। हम न्यायपालिका से इस मामले में न्याय की गुहार करेंगे।”

जन संकल्प मोर्चा के नाम से हाल ही में एक अनौपचारिक तीसरा मोर्चा शुरू करने वाले शंकरसिंह वाघेला ने इस घोषणा के साथ अपनी चुनावी महत्वाकांक्षाओं को जाहिर कर दिया कि वे जयपुर में पंजीकृत सुस्त पड़े राजनीतिक दल ऑल इंडिया हिन्दुस्तान कांग्रेस से गठजोड़ करेंगे और ट्रैक्टर उनका चुनाव चिन्ह होगा।

ऑल इंडिया हिन्दुस्तान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अनिल शर्मा ने कहा, “हमारा गुजरात में जनाधार नहीं है, इसलिए हमने अपना चुनाव चिन्ह ‘बापू’ को दे दिया क्योंकि हम एक बड़े नेता से जुड़ना चाहते थे। वाघेला के समूह ने घोषणा की कि वे लोग गुजरात की सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने चुनाव आयोग की घोषणा का स्वागत करते हुए यह विश्वास जताया, “बीजेपी की जीत की तरफ इशारा करने वाले चुनावी सर्वे उसी बात को पुख्ता कर रहे हैं जो हम लंबे समय से कह रहे हैं।”

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