दीवाली पर योगी की ‘खुशखबरी’: क्या राम मंदिर पर किसी बड़ी योजना की तैयारी कर ली है बीजेपी ने !
उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कोई बड़ा ऐलान करने की तैयारी कर रही है। इस बात के संकेत देते हुए खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दीवाली के दिन अयोध्या में वह बड़ी ‘खुशखबरी’ का ऐलान करने जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार आगामी दीवाली पर अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद में कोई बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके संकेत खुद यूपी की बीजेपी सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने दिये हैं। मेल टुडे अखबार में छपी एक खबर के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कहा है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर वह आने वाले दिनों में ‘खुशखबरी’ देने जा रहे हैं। खबर के मुताबिक योगी आदित्यनाथ अपनी इस ‘खुशखबरी’ का ऐलान दिवाली के दिन अयोध्या में करेंगे। योगी ने कहा, “साधु और संत अपने सब्र के लिए जाने जाते हैं। इसलिए मुझे आशा है कि वे नाउम्मीद नहीं होंगे। मैं दिवाली के दिन एक खुशखबरी लेकर अयोध्या जा रहा हूं।”
योगी के इस बयान के बाद यूपी बीजेपी अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडे ने भी शुक्रवार को कहा कि योगी जी मुख्यमंत्री के साथ-साथ बहुत बड़े संत हैं। उन्होंने योगी के बयान पर कहा, “निश्चित रूप से उन्होंने अयोध्या के लिए योजना बनाई है। दिवाली आने दीजिये, खुशखबरी की प्रतीक्षा कीजिये.. मुख्यमंत्री के जरिये वो योजना सामने आएगी तो उचित होगा।”
पिछले महीने 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई के टलने के बाद से बीजेपी नेताओं की तरफ से लगातार आ रहे बयान इस बात के स्पष्ट संकेत देते हैं कि आने वाले दिनों में राम मंदिर को लेकर बीजेपी कोई बड़ा कदम उठा सकती है। अब योगी आदित्यनाथ के ताजा बयानों से स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार राम मंदिर को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। हालांकि योगी ने इस खुशखबरी के बारे में पूछे जाने पर कुछ भी बताने से मना कर दिया, लेकिन मीडिया से दिवाली के दिन अयोध्या में रहने के लिए जरूर कहा है। अब योगी आदित्यनाथ की ये खुशखबरी क्या है, ये तो दिवाली पर ही पता चल पाएगा।
लेकिन इस बीच राम मंदिर आंदोलन से जुड़े साधुओं ने इस बात के संकेत दे दिये हैं कि वो खुशखबरी क्या हो सकती है। रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास का कहना है कि मंदिर निर्माण की तारीख के अलावा कोई बात खुशखबरी नहीं हो सकती है। वहीं राम मंदिर के लिए उपवास करने वाले महंत परमहंस ने कहा कि राम मंदिर निर्माण की तारीख और इसके लिए कानून ही खुशखबरी हो सकती है, जो राम भक्तों के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है।
राम मंदिर मामले से जुड़े साधुओं की नजर में मंदिर निर्माण की तारीख के अलावा कोई भी बात खुशखबरी नहीं हो सकती। ऐसे में बीजेपी सरकार की मंशा का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी और आरएसएस मंदिर निर्माण के लिए एक बार फिर आंदोलन शुरू करवा सकते हैं। इसी तरह के संकेत पिछले कई दिनों से आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े नेता लगातार देते भी आ रहे हैं।
पिछले महीने दिल्ली में विहिप द्वारा बुलाई गई साधु-संतों की बैठक में राम मंदिर पर कानून के लिए आंदोलन शुरू करने की बात कही गई थी। उसके बाद से बीच-बीच में संकेत मिलने लगे थे कि बीजेपी-संघ परिवार लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या के मुद्दे को एक बार फिर गरमाने की कोशिश करेगा। ये किस रूप में होगा, ये तो अब दिवाली पर अयोध्या में योगी आदित्यनाथ के ऐलान से ही पता चलेगा। लेकिन इतना साफ है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे को लेकर देश की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था एक बार फिर बुरी तरह प्रभावित होने जा रही है, जिसका खामियाजा लोगों को लंबे समय तक भुगतना पड़ेगा।
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