गाजा पर भीषण हमले में 326 की मौत, इजरायल ने अटैक से पहले अमेरिका से की थी बात, व्हाइट हाउस का खुलासा

इजरायल में बंधकों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य समूह ने सरकार पर संघर्षविराम से पीछे हटने का आरोप लगाया। मंच ने कहा कि हम अपने प्रियजनों को हमास की कैद से वापस लाने की प्रक्रिया को जानबूझकर खत्म करने से हैरान हैं। इसको लेकर असंतोष भी है।

गाजा पर भीषण हमले में 326 की मौत, इजरायल ने अटैक से पहले अमेरिका से की थी बात, व्हाइट हाउस का खुलासा
गाजा पर भीषण हमले में 326 की मौत, इजरायल ने अटैक से पहले अमेरिका से की थी बात, व्हाइट हाउस का खुलासा
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नवजीवन डेस्क

इजरायल ने मंगलवार सुबह गाजा पट्टी क्षेत्र में सिलसिलेवार हवाई हमले किए। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमले में कम से कम 326 लोगों की मौत हो गई जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कहा जा रहा है जनवरी में युद्धविराम के प्रभावी होने के बाद से यह गाजा में अब तक का सबसे भीषणतम हमला है। इजरायल के इस हमले से जहां कई देश हैरान हैं, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा कि हमला करने से पहले उससे सलाह ली गई थी और उसने इजरायल के फैसले का समर्थन किया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक अमेरिकी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, "आज रात गाजा में अपने हमलों के बारे में इजरायल ने ट्रंप प्रशासन और व्हाइट हाउस से परामर्श किया।" व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने कहा, "जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है- हमास, हूती, ईरान, वे सभी जो न केवल इजरायल, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका को भी आतंकित करना चाहते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। सब कुछ तहस-नहस हो जाएगा।"

‘व्हाइट हाउस’ ने दोबारा युद्ध जैसी स्थिति के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा कि चरमपंथी समूह ‘‘युद्धविराम को बढ़ाने के लिए बंधकों को रिहा कर सकता था, लेकिन उसने इनकार कर दिया और युद्ध को चुना।’’ मिस्र और कतर के साथ मध्यस्थता प्रयासों का नेतृत्व कर रहे अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने पहले ही आगाह किया था कि हमास को जीवित बंधकों को तुरंत रिहा करना चाहिए ‘‘या फिर भारी कीमत चुकानी होगी।’’

इजरायल का गाजा में ताजा हमला ऐसे समय में हुआ जब अमेरिका ने शनिवार से यमन में एयर स्ट्राइक का सिलसिला शुरू किया। ट्रंप प्रसाशन का कहना है कि हूती ग्रुप के दर्जनों सदस्य उसके हमलों में मारे गए हैं। वहीं हूती विद्रोहियों ने कहा कि कम से कम 53 लोग मारे गए। बता दें उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण करने वाले हूती ग्रुप ने फिलिस्तीनियों के समर्थन में नवंबर 2023 से लाल सागर में 'इजरायल से जुड़े' जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया और करीब 100 से अधिक हमले किए। उनका कहना था कि वे गाजा में इजरायल के युद्ध के खिलाफ फिलिस्तीनियों के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए यह कार्रवाई कर रहे हैं।


दशकों पुराने इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष में नवीनतम रक्तपात 7 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुआ, जब फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया। हमले में 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 से अधिक को बंधक बना लिया गया। हमास के हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया। इजरायली हमलों ने गाजा शहर को खंडहर में तब्दील कर दिया और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई और लाखों लोग बेघर हुए हैं।

रातभर हुए हमलों ने शांति का दौर खत्म कर दिया है और 17 माह से जारी संघर्ष के फिर से शुरू होने की आशंका को बढ़ा दिया है जिसमें 48,000 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं और गाजा पूरी तरह तबाह हो गया है। हमास द्वारा बंधक बनाकर रखे गए लगभग 24 इजरायली नागरिकों के भविष्य के बारे में इजरायल के ताजा हमलों के कारण संशय की स्थिति पैदा हो गई है जिनके बारे में माना जाता है कि वे अब भी जीवित हैं।

हमास ने आरोप लगाया कि नेतन्याहू ने संघर्षविराम समझौते को खत्म कर दिया और बंधकों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। बयान में हमास ने मध्यस्थों से इजरायल को ‘‘समझौते का उल्लंघन करने और उसे खत्म करने के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार ठहराने’’ का आह्वान किया।इसने एक बयान में इजरायल की ओर से किए गए हमलों की निंदा की और कहा कि इन हमलों ने बंधकों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।

हमास के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि फिर से युद्ध छेड़ने का नेतन्याहू का फैसला शेष बंधकों के लिए ‘‘मौत की सजा’’ के बराबर है। इज्जत अल-रिशेक ने आरोप लगाया कि नेतन्याहू ने अपने गठबंधन को बचाने के लिए हमले किए हैं और मध्यस्थों से इसका खुलासा करने का आह्वान किया कि किसने संघर्ष विराम को तोड़ा है।


दक्षिणी शहर खान यूनिस में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के संवाददाताओं ने धमाकों के बाद जगह-जगह धुएं का गुबार देखा। घायल लोगों को एंबुलेंस से नासिर अस्पताल ले जाया गया जहां मरीज फर्श पर पड़े थे और दर्द से तड़प रहे थे। एक छोटे लड़के के सिर पर पट्टी बंधी हुई थी, जबकि एक स्वास्थ्यकर्मी यह जांच रहा था कि उसे कहीं और तो चोट नहीं आई है। हाथ में गंभीर चोट आने से एक लड़की भी दर्द से चिल्ला रही थी।

कई फलस्तीनियों ने कहा कि जब फरवरी की शुरुआत में संघर्षविराम के दूसरे चरण पर वार्ता निर्धारित समय पर शुरू नहीं हो पाई तभी उन्हें युद्ध फिर से शुरू होने की आशंका लग रही थी। इजरायल ने एक वैकल्पिक प्रस्ताव को अपनाया और हमास पर इसे स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए क्षेत्र के 20 लाख फलस्तीनियों को भोजन, ईंधन तथा अन्य सहायता की सभी आवश्यक चीजों की आपूर्ति को रोक दिया।

इस बीच, एक इजरायली अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि इजरायल हमास के उग्रवादियों, इसके नेताओं और बुनियादी ढांचों पर हमला कर रहा है और हवाई हमलों से परे अभियान को और बढ़ाने की योजना बना रहा है। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा कि अगर बंधकों को रिहा नहीं किया गया तो ‘‘गाजा में और बुरी हालत होगी।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम तब तक लड़ाई नहीं रोकेंगे जब तक हमारे सभी बंधक घर नहीं पहुंच जाते।’’

बमबारी के कई घंटों बाद भी हमास द्वारा किसी भी हमले की कोई सूचना नहीं है जिससे संकेत मिलता है कि उसे अभी भी संघर्षविराम बहाल होने की उम्मीद है। वहीं इजरायल में बंधकों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य समूह ने सरकार पर संघर्षविराम से पीछे हटने का आरोप लगाया। बंधकों और लापता परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले मंच ने एक बयान में कहा, ‘‘हम अपने प्रियजनों को हमास की कैद से वापस लाने की प्रक्रिया को जानबूझकर खत्म करने से हैरान हैं। इसको लेकर असंतोष भी है।’’

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