दुनिया की 5 बड़ी खबरें: भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा चीन और पाक में सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध

म्यांमार और भारत में अवैध रूप से चीनी हथियारों का आसान प्रवाह क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

म्यांमार और भारत में हथियार धकेल रहा चीन, क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा


म्यांमार और भारत में अवैध रूप से चीनी हथियारों का आसान प्रवाह क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रहा है। खुफिया एजेंसियों ने इस संबंध में भारत सरकार को सतर्क किया है। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से इस साल अब तक एके-47, एम-16एस, चीनी पिस्तौल और लेथोड्स सहित कुल 423 अवैध हथियार बरामद किए गए हैं।

खुफिया एजेंसियों ने यह भी कहा है कि चीन म्यांमार सीमा पर विद्रोही समूहों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहा है, क्योंकि वे अच्छी कीमत चुकाते हैं। एजेंसियों ने सरकार को सतर्क करते हुए कहा, "प्रमुख विद्रोही समूहों विशेष रूप से असम, मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम के लोग चीनी खुफिया एजेंसियों के साथ नियमित संपर्क बनाए रखते हैं और ये चीनी उदारता और हथियारों से लाभान्वित हुए हैं।"

अमेरिका में एक दशक के दौरान नफरत भरे अपराध सबसे ज्यादा : एफबीआई


घीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले साल अमेरिका में घृणा को लेकर किए जाने वाले अपराध एक दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए थे। बीबीसी ने बताया कि सोमवार को जारी की गई एफबीआई के वार्षिक हेट क्राइम स्टेटिस्टिक्स एक्ट (एचसीएसए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में 7,314 हेट क्राइम हुए, उससे एक साल पहले 7,120 हुए। 2019 के ये आंकड़े 2008 के 7,783 संख्या के बाद सबसे अधिक रहे।

रिपोर्ट के अनुसार, यहूदियों या यहूदी संस्थानों को निशाना बनाने वाली घटनाओं में 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ धर्म आधारित हेट क्राइम्स में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

यह भी पाया गया कि लातीनी समुदाय के खिलाफ ऐसे अपराधों में खासी बढ़ोतरी हुई। यह आंकड़े 2018 में 485 से 8.7 प्रतिशत बढ़कर 2019 में 527 हो गए, जो 2010 के बाद से सबसे ज्यादा हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों को अन्य की तुलना में ज्यादा निशाना बनाया गया।


कोविड-19 के प्रतिबंधों के बावजूद पेशावर में आयोजित होंगी पीडीएम की रैली


पाक में मौजूदा सरकार के खिलाफ 11 विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने पेशावर में 22 नवंबर को अपनी रैली को आयोजित करने का फैसला लिया है। 16 अक्टूबर को गुजरांवाला, 19 अक्टूबर को कराची और 25 अक्टूबर को क्वेटा में तीन पावर शो होने के बाद यह चौथा होने जा रहा है।

गठबंधन के मीडिया कोऑर्डिनेटर अब्दुल जलिल जन के बयान के हवाले से जियो न्यूज ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा, "पेशावर में 22 नवंबर को पीडीएम की रैली तय कार्यक्रम के अनुसार होगी।" अब्दुल जलिल ने इस बात जोर देकर कहा कि पीडीएम के हाईकमान द्वारा सभी बैठकों को आयोजित करने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है। उन्होंने कहा, "हम कोरोना वायरस महामारी की आड़ में शासक को छिपने की इजाजत नहीं देंगे।"

इमरान ने लगाया सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध


पाकिस्तान में बीते दिनों कोरोना वायरस महामारी के नए मामलों में इजाफा देखने को मिला है, ऐसे में प्रधानमंत्री इमरान खान ने सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है और साथ ही लोगों द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के पालन की आवश्यकता की बात को भी दोहराया है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसी) की एक बैठक के बाद देश को संबोधित करते हुए खान ने लोगों से मास्क पहनने और दूरी बनाए रखने का आग्रह किया।

कोविड-19 की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्होंने सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सार्वजनिक समारोहों को भी रद्द कर दिया और अन्य राजनीतिक दलों को नियमों का पालन करने को कहा।


हमास, फतह ने काहिरा में सुलह वार्ता फिर शुरू की


इस्लामिक हमास मूवमेंट के नेताओं और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास फतह ने दोनों पक्षों के बीच आंतरिक विभाजन को समाप्त करने और एकता हासिल करने के उद्देश्य से काहिरा में सुलह वार्ता को फिर से शुरू किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गाजा में हमास के प्रवक्ता अब्दुल आतिफ अल-कनौआ ने सोमवार दोपहर पत्रकारों से कहा कि दोनों मूवमेंट के प्रतिनिधिमंडल ने काहिरा में सोमवार को वार्ता जारी रखने के लिए बैठक की, जो एक महीने से अधिक समय से चल रही है।

अल-कनौआ ने कहा, "हम बाधाओं को दूर करने और मौजूदा समस्याओं में से कुछ को हल करने के लिए काम करेंगे।" इससे पहले सोमवार को, फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद इश्ताये ने एक ऑनलाइन बैठक में कैबिनेट को बताया कि एक फतह प्रतिनिधिमंडल काहिरा में हमास के साथ चुनावों के बारे में चर्चा करेगा।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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