दुनिया की 5 बड़ी खबरें: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के COVID-19 लैब में साइबर अटैक और जानें चीन को लेकर क्या है बाइडेन प्रशासन की सोच

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पुष्टि की है कि कोविड-19 अनुसंधान में शामिल उसकी एक प्रयोगशाला में साइबर हमला हुआ है। अमेरिका में बाइडेन प्रशासन को सत्ता में आए एक महीना पूरा हो चुका है।

फोटो : IANS
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नवजीवन डेस्क

चीन से जुड़े मामलों पर पिछली सरकार से अलग नहीं है बाइडेन प्रशासन?

अमेरिका में बाइडेन प्रशासन को सत्ता में आए एक महीना पूरा हो चुका है। बाहरी लोगों ने देखा है कि बाइडेन सरकार के कुछ अधिकारियों द्वारा चीन से संबंधित मुद्दों जैसे कि अर्थव्यवस्था और व्यापार, दक्षिण चीन महासागर, और महामारी के विरोध में दिए गए बयान पिछली सरकार से मिलते-जुलते हैं। पद संभालने की शुरूआत में बाइडेन ने वचन दिया कि महामारी का मुकाबला करने के साथ-साथ आर्थिक पुनरुत्थान को प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन वर्तमान स्थिति से देखा जाए, तो इन दोनों मिशनों के सामने भारी चुनौतियां मौजूद हैं। महामारी की वजह से अमेरिका में मृतकों की संख्या 5 लाख से अधिक हो गई है। महामारी की स्थिति कब नियंत्रित होगी, यह भी नहीं पता। हाल में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोमि पॉवेल ने सार्वजनिक रूप से कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था का भविष्य अनिश्चितता का एक उच्च स्तर है।

अमेरिकी राजनीतिज्ञों के लिए चीन को कसूरवार ठहराना एक आसान तरीका है । इस तरह दुर्भाग्य से चीन फिर से एक लक्ष्य बन गया है।

अफगानिस्तान में मृत पत्रकार के घर पर बंदूकधारियों का हमला, 3 की मौत

अफगानिस्तान के घोर प्रांत में मारे जा चुके एक पत्रकार के घर पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला कर दिया जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। टोलो न्यूज के मुताबिक, बंदूकधारियों ने एक पत्रकार, एक्टिविस्ट और रेडियो सदा-ए-घोर के पूर्व प्रमुख बिस्मिल्लाह आदिल के घर पर हमला किया, जो इस साल के पहले दिन बंदूकधारियों के हमले में मारे गए थे।

आदिल के रिश्तेदार लाला गुल ने कहा है कि उनके भाई, चचेरे भाई और उनके 13 वर्षीय भतीजे ने हमले में अपनी जान गंवाई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पांच अन्य लोग जो घायल हुए हैं, वे भी पत्रकार के परिवार के सदस्य हैं। गुल ने दावा किया कि हमला तालिबान ने किया था।


भारतीय पर्यावरण विशेषज्ञ लिगिया नोरोन्हा यूएन में असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल नियुक्त

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महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारतीय पर्यावरण और अर्थशास्त्र विशेषज्ञ लिगिया नोरोन्हा को सहायक महासचिव और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) न्यूयॉर्क कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया है।

गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने गुरुवार को उनकी नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा कि वह इस पद पर एक अन्य भारतीय सत्य त्रिपाठी की जगह काबिज होंगी।

यह नोरोन्हा के लिए एक पदोन्नति है, जो नैरोबी में स्थित यूएनईपी के इकॉनमी डिवीजन की निदेशक हैं।

नोरोन्हा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में संसाधनों, ऊर्जा और जलवायु सुरक्षा से संबंधित मामलों से भी जुड़ी रही हैं।

वीजा बैन हटाने के बाद बाइडेन का उच्च-कौशल आव्रजन पर जोर

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अत्यधिक कुशल कामगारों को अमेरिका में स्थायी निवास देने के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई है। यह जानकारी उनके प्रवक्ता जेन साकी ने दी है। बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ग्रीन कार्ड और वर्क वीजा जारी करने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को पलट दिया है।

प्रवक्ता जेन साकी ने गुरुवार को कहा कि बाइडेन का मानना है कि हमारे आव्रजन प्रणाली को और अधिक आधुनिक बनाना काफी महत्वपूर्ण है और इसके लिए कई ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि उच्च-कुशल कामगार देश में रह सकें और देश में रहने के लिए उचित प्रक्रिया से गुजर सकें।

जब पत्रकारों ने साकी से सवाल किया कि जो लोग कानूनी रूप से देश में रह रहे हैं, लेकिन जिन्हें स्थायी निवास या ग्रीन कार्ड के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है, उन लोगों के बारे में बाइडेन क्या करना चाहते हैं, तो इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हम डेमोक्रेट और कांग्रेस में रिपब्लिकन के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 लैब में साइबर अटैक

फोटो: IANS
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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पुष्टि की है कि कोविड-19 अनुसंधान में शामिल उसकी एक प्रयोगशाला में साइबर हमला हुआ है। फोर्ब्स की जांच में यह बात सामने आई कि हैकरों ने प्रयोगशाला के कई सिस्टमों में सेंधमारी की। यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को कहा कि किसी भी नैदानिक अनुसंधान पर "कोई प्रभाव नहीं" पड़ा है। माना जा रहा है कि इस महीने के मध्य में हैकिंग हुई थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमले के पीछे कौन लोग हैं।

बहरहाल, जिस लैब में हैकरों ने सेंधमारी की वह स्ट्रक्चरल बायोलॉजी विभाग है जिसे "स्ट्रबी" के नाम से जाना जाता है। यह लैब प्रत्यक्ष रूप से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के विकास में शामिल नहीं है।

प्रयोगशाला में वैज्ञानिक कोविड-19 कोशिकाओं के कार्य तंत्र के बारे में अध्ययन करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने से रोकने के तरीके में शामिल रहे हैं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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