दुनिया की 5 बड़ी खबरें: पाक का FATF की कालीसूची में आना तय और 3500 से अधिक अमेरिकी कंपनियों ने ट्रंप सरकार पर किए केस

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने खुलेआम कहा है कि देश एफएटीएफ द्वारा कालीसूची (ब्लैकलिस्ट) में डाले जाने के कगार पर है। दो हफ्तों में टेस्ला, फोर्ड मोटर, थार्गेट वालग्रीन और होम डिपो समेत लगभग 3500 अमेरिकी कंपनियों ने ट्रंप सरकार पर मुकदमे चलाए हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पाक का एफएटीएफ की कालीसूची में आना तय, इमरान के लिए आगे मुश्किल वक्त

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने खुलेआम यह कहकर इमरान खान सरकार को झटका दे दिया है कि देश एफएटीएफ द्वारा कालीसूची (ब्लैकलिस्ट) में डाले जाने के कगार पर है, क्योंकि इसे सैन्य नेतृत्व द्वारा बाहरी मुद्दों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था।

शरीफ, जिनका प्रधानमंत्री के रूप में तीसरा कार्यकाल 2013 से 2017 तक बढ़ा था, ने पाकिस्तानी जनरलों के गुस्से को बढ़ा दिया था, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि वह (शरीफ) उन इस्लामिक आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करें जो भारत और अफगानिस्तान में सीमा पार से आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे थे। नतीजतन, शरीफ को आखिरकार पद छोड़ना पड़ा।

गरीबी के खात्मे के लिए किए जा रहे हैं व्यापक उपाय


चीन में गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य हासिल करने के लिए व्यापक योजनाएं चल रही हैं। चीन की केंद्र सरकार के नेतृत्व में विभिन्न प्रांत गरीबी के खात्मे के लिए पुरजोर कोशिश में जुटे हैं। दूर-दराज के इलाकों में सड़क, पानी व बिजली आदि सुविधाएं मुहैया कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वहीं गरीब लोगों की आय बढ़ाने के लिए स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के मौके प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें शहरों में न जाना पड़े। क्वांगशी च्वांग स्वायत्त प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी हाल के वर्षों में स्थिति में काफी सुधार आया है। बताया जाता है कि संबंधित विभागों की मदद से गांव-वासी मवेशियों को पालकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। यहां बता दें कि दाहुआ काउंटी का शंगली गांव एक बेहद ही दुर्गम इलाके में स्थित है, वहां की आबादी लगभग 6100 है। अपनी विषम भौगोलिक स्थिति के कारण यह क्षेत्र विकास की राह में पिछड़ा रहा। साल 2017 तक इस गांव के 93 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे थे। लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों में स्थानीय प्रशासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से गांव में हर चीज में सुधार देखने में आया है। लोगों को गरीबी के दलदल से बाहर निकालने के लिए गांव के आसपास ही उद्योग धंधों की स्थापना की गयी है। अब वहां महज 36 प्रतिशत लोग गरीब हैं, हालांकि यह गांव अब भी चीन के सबसे गरीब और पिछड़े क्षेत्रों में से एक है। वैसे क्वांगशी च्वांग प्रदेश का यह इलाका पथरीले रेगिस्तान व बंजर भूमि के लिए जाना जाता है, जहां पर उपजाऊ जमीन बहुत कम है।


डब्ल्यूएचओ: ऐक्सेस टू कोविड-19 टूल्स ऐक्सेलरेटर बढ़ाने पर जोर


25 सितंबर को जिनेवा स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्यालय में कोविड-19 महामारी पर नियमित न्यूज ब्रीफिंग आयोजित हुई। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयसस और डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों ने वर्तमान महामारी का विश्लेषण किया और मुकाबले के लिए आगे कदम उठाने की अपील की और सुझाव पेश किए। ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयसस ने कहा कि उत्तरी गोलार्ध में फ्लू मौसम आ रहा है और कुछ देशों में कोविड-19 के पुष्ट और मौत मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है। दुनिया के लगभग 70 प्रतिशत कोविड-19 मामले दस देशों में केंद्रित हैं। उन्होंने विभिन्न देशों से महामारी के मुकाबले में इन चार बुनियादी प्राथमिकताओं पर ध्यान देने की अपील की। पहला, महामारी को फैलाने वाली गतिविधियों को रोकें, दूसरा, कमजोर समूहों की रक्षा करें, तीसरा, स्थानीय सामुदायिक क्षेत्रों को स्वयं और दूसरों की रक्षा के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग करने का अधिकार दें, चौथा, पता लगाने, अलग करने, परीक्षण और इलाज करने समेत बुनियादी काम अच्छी तरह से किए जाए।

3500 से अधिक अमेरिकी कंपनियों ने ट्रंप सरकार पर मुकदमे चलाये


दो हफ्तों में टेस्ला, फोर्ड मोटर, थार्गेट वालग्रीन और होम डिपो समेत लगभग 3500 अमेरिकी कंपनियों ने ट्रंप सरकार पर मुकदमे चलाये हैं। और यह कहा गया है कि ट्रंप सरकार द्वारा 3 खरब अमेरिकी डॉलर वाले चीनी उत्पादों के प्रति टैरिफ बढ़ाने की कार्रवाई अवैध है। समाचार एजेंसी रॉयटर ने 26 सितंबर को यह रिपोर्ट दी है। उक्त मुकदमे अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में चलाये गये हैं। जिन में अमेरिकी व्यापारिक प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर और अमेरिकी कस्टम्स व सीमा रक्षा ब्यूरो पर कई बार चीनी उत्पादों के प्रति टैरिफ बढ़ाकर निरंतर रूप से व्यापारिक संघर्ष गंभीर बनाने का आरोप लगाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, मुकदमे चलाने वाली कंपनियां अलग-अलग क्षेत्रों की हैं, और कंपनियों की संख्या बहुत अधिक है।


सऊदी अरब अक्टूबर में आगंतुकों के लिए मक्का के आस्था-स्थलों को फिर से खोलगा


सऊदी अरब में अधिकारियों ने अगले महीने आगंतुकों के लिए मक्का में आस्था-स्थलों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। कोरोनावायरस के कारण ये महीनों से ये बंद पड़े हैं। यह जानकारी मीडिया को दी गई। गल्फ न्यूज ने शनिवार को देश के सरकारी मीडिया के हवाले से बताया कि ग्रैंड मॉस्क (मस्जिद-ए-हरम) और पैगंबर की मस्जिद (मस्जिद-ए-नबवी) के जनरल मामलों के अध्यक्ष अब्दुलरहमान अल सुदैस ने काबा किस्वा के लिए किंग अब्दुलअजीज कॉम्प्लेक्स को फिर से खोलने का निर्देश दिया है।

अल सुदैस ने आगंतुकों की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अनुशंसित एहतियाती उपायों के अनुपालन की जरूरत को रेखांकित किया।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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