दुनिया की 5 बड़ी खबरें: संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप ने चीन पर बोला हमला और अमेरिका ने क्यूबा पर लगाए नए प्रतिबंध

अमेरिका ने हवाना में सरकार के राजस्व के स्रोतों को भविष्य के लिए कम करने के प्रयास में क्यूबा के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा एक गंभीर मंच है, पर ट्रंप ने इस मंच के जरिए चीन के खिलाफ राजनीतिक हमला किया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अमेरिका ने क्यूबा पर लगाए नए प्रतिबंध


अमेरिका ने हवाना में सरकार के राजस्व के स्रोतों को भविष्य के लिए कम करने के प्रयास में क्यूबा के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने बुधवार को एक बयान में कहा कि नए उपाय, "अमेरिकी नागरिकों को क्यूबा में कुछ संपत्तियों में ठहरने, क्यूबा में उत्पादित शराब और तंबाकू उत्पादों को आयात करने, पेशेवर बैठकों या सम्मेलनों में भाग लेना या आयोजित करने और क्यूबा में कुछ सार्वजनिक प्रदर्शनों, क्लीनिकों, कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनियों में भाग लेना और उनका आयोजन करने से प्रतिबंधित करेंगे।"

नए प्रतिबंधों की घोषणा पहली बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के कार्यक्रम में बे ऑफ पिग्स के दिग्गजों को सम्मानित करने के लिए अपनी टिप्पणी के दौरान की थी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप ने चीन पर बोला हमला, लेकिन क्यों?


75वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तमाम देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के नेताओं के सामने तथ्यों की अनदेखी कर कोविड-19 महामारी, इंटरनेट सुरक्षा और पारिस्थितिकी पर्यावरण आदि मुद्दों पर अकारण चीन पर आरोप लगाया और मनमाने ढ़ंग से राजनीतिक वायरस फैलाया। संयुक्त राष्ट्र महासभा एक गंभीर मंच है, पर ट्रंप ने इस मंच के जरिए चीन के खिलाफ राजनीतिक हमला किया। सभी मौके पर चीन पर कालिख पोतने की कार्रवाई से न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र संघ पर लांछन लगाया गया, बल्कि विश्व शांति भी भंग हुई।


तीन हफ्ते बाद फिर खोला गया नेपाल-चीन बॉर्डर


तीन सप्ताह तक बंद रहने के बाद गुरुवार को नेपाल-चीन बॉर्डर को एक बार फिर से खोल दिया गया है।

एक सीनियर कस्टम अधिकारी के मुताबिक नेपाल और चीन के बीच रासुवगाधि-केरुंग बॉर्डर को कोरोना महामारी के चलते बंद कर दिया गया था।

बताया जा रहा है कि चीन और नेपाल के बीच व्यापार का ये मुख्य रास्ता है। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक एक नेपाली वर्कर कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, जिसके बाद तीन हफ्ते के लिए बॉर्डर को बंद कर दिया गया था।

28 सितंबर से विदेशी लोग चीन आ सकेंगे


नी विदेश मंत्रालय, चीन राष्ट्रीय आव्रजन प्रशासन ने 23 सितंबर को प्रकाशित किया कि 28 सितंबर, 2020 से विदेशी लोग काम, निजी मामलों, या समूह के लिए वैध निवास परमिट के साथ चीन में प्रवेश कर सकते हैं। इन संबंधित लोगों को वीजा के लिए फिर से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि 26 मार्च को प्रकाशित किया गया नोटिस अभी भी मान्य है, महामारी की रोकथाम की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए चीन धीरे-धीरे चीन और विदेशों के बीच आदान-प्रदान को फिर से शुरू करेगा।


संयुक्त राष्ट्र वायरस के प्रसार का मंच नहीं


कोविड-19 से प्रभावित 75वें संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा की आम बहस ऑनलाइन तरीके से आयोजित हुई। अधिकांश देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के नेताओं ने बहुपक्षवाद का समर्थन करने, एकता व सहयोग को मजबूत कर वैश्विक चुनौती का सामना करने की अपील की। लेकिन अमेरिका ने तथ्यों को तोड़कर राजनीतिक वायरस फैलाने की पूरी कोशिश की, चीन की निंदा की और अंतर्राष्ट्रीय महामारी रोकथाम के सहयोग वातावरण को नष्ट किया है। वायरस की कोई सीमा और जाति नहीं है। वह किसी भी देश में पैदा हो सकती है। वायरस का स्रोत बताना एक वैज्ञानिक सवाल है। हाल में तथ्यों से साबित हुआ कि कुछ देशों में कोविड-19 के मामले चीन से पहले हुए थे। चीन महामारी को राजनीतिकरण बनाने का ²ढ़ विरोध करता है और वायरस के स्रोत की खोज करने में सक्रिय रूप से भाग लेगा।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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