गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में लाइफ टाइम अचीवमेंट से सम्मानित ओपरा विनफ्रे ने कहा, ‘एक नया सवेरा आने वाला है’

75वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए सिसिल बी डिमिले अवार्ड से सम्मानित ओपरा विनफ्रे ने कहा कि मुझे देख रही सभी लड़कियों को मैं बताना चाहूंगी कि एक नया सवेरा आने वाला है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

बेवर्ली हिल्स के बेवर्ली हिल्टन होटल में आयोजित 75वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड की सबसे खास बात रही गोल्डन ग्लोब लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड। इस बार लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए सिसिल बी डिमिले अवार्ड ओपरा विनफ्रे को दिया गया है। गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी अश्वेत महिला को इस अवॉर्ड से नवाजा गया है। अवार्ड जीतने के बाद दिए गए अपने भाषण से ओपरा विनफ्रे ने वहां मौजूद सभी का दिल जीत लिया। अपने भाषण में रंगभेद से लेकर लैंगिक संघर्षों तक का उन्होंने जिक्र किया। उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि 1964 में टीवी पर सिडनी प्यॉटर को 36वें एकादमी अवार्ड में बेस्ट एक्टर का पुरस्कार मिलते देखना अपने आप में अद्भुत अनुभव था। उन्होंने कहा, “मुझे सहसा विश्वास नहीं हो रहा था कि एक अश्वेत व्यक्ति को इतना सम्मान दिया जा रहा है। मुझे आज भी उनकी सफेद टाई याद है।”

उन्होंने अपने भाषण में महिलाओं के संघर्षों से लेकर उनके उत्पीड़न का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं ऐसी सभी महिलाओं को धन्यवाद देती हूं जिन्हें मेरी मां की तरह अपने बच्चों को पालने के लिए कड़े संघर्ष करने पड़े। महिला उत्पीड़न पर उन्होंने कहा, “मुझे देख रही सभी लड़कियों को मैं बताना चाहूंगी कि एक नया सवेरा आने वाला है। और वह नया सवेरा उन बहुत सारी शानदार महिलाओं, जिनमें से बहुत सारी आज यहां बैठी हुई हैं, और ऐसे कुछ पुरुषों की वजह से आएगा जो ऐसे समय के लिए हमारा नेतृत्व करने की कोशिश कर रहे हैं जब हम में से किसी को भी ‘मी टू’ नहीं कहना पड़े।” उन्होंने अपने भाषण में प्रेस का भी विशेष रूप से जिक्र किया और कहा कि हम सभी जानते हैं कि आज के समय प्रेस बहुत दबाव में है। लेकिन भ्रष्टाचार और अन्याय से पर्दा हटाकर हम तक सच पहुंचाने के प्रति प्रेस के समर्पण को भी हम सभी जानते हैं।

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टेलीविजन सीरीज म्यूजिकल और कॉमेडी वर्ग में भारतीय मूल के अजीज अंसारी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार

75वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्डस में टेलीविजन सीरीज म्यूजिकल और कॉमेडी वर्ग में अजीज अंसारी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया है। भारतीय मूल के अमेरिकी अभिनेता अजीज अंसारी को कॉमेडी सिरिज ‘मास्टर ऑफ नन’ के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया है। अवार्ड लेने के बाद अजीज अंसारी ने कहा, “मुझे सचमुच नहीं लग रहा था कि मैं जीतूंगा क्योंकि सभी वेबसाइट्स कह रही थीं कि मैं हार जाऊंगा। मुझे यह पुरस्कार जीतने की बेहद खुशी है क्योंकि लगातार दो बार हार जाने पर सचमुच बेहद निराशा होती।”

इस प्रतिष्ठित अवार्ड की रंगीन शाम कई सितारों से भरी रही। समारोह में निकोल किडमैन को महिला वर्ग में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड मिला। जबकि मोशन पिक्चर (ड्रामा) वर्ग के पुरुष वर्ग में बेस्ट एक्टर का अवार्ड गैरी ओल्ड को दिया गया। एलिजाबेथ मॉस को बेस्ट एक्ट्रेस (ड्रामा), स्टर्लिंग ब्राउन को बेस्ट एक्टर (ड्रामा) का अवॉर्ड मिला। समारोह में 'दि हैंडमेड्स टेल' को बेस्ट ड्रामा सीरीज का अवॉर्ड दिया गया। बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड ‘बिग लिटिल लाइज' के लिए एलेक्जेंडर स्कार्सगार्ड को मिला।

फोटोः सोशल मीडिया
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सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड लेने के बाद निकोल किडमैन

इस बार का गोल्डन ग्लोब अवार्ड कई मायने में अद्भुत रहा। यह हॉलीवुड का पहला ऐसा समारोह रहा जिसमें यौन उत्पीड़न के गंभीर मुद्दे को केंद्र में रखा गया। प्रतिष्ठित अवॉर्ड समारोह की शुरुआत करते हुए जाने-माने कॉमेडियन सेथ मेयर्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हॉलीवुड के यौन उत्पीड़न स्कैंडलों पर जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने मजाकिया अंदाज में समारोह में आए लोगों का स्वागत करते हुए कहा, "नमस्कार देवियों और शेष सज्जनों।" उन्होंने कहा कि कई महीने में यह पहला मौका होगा जब पुरुषों को अपने नाम पुकारे जाने पर डर नहीं लगेगा। मेयर्स ने हॉलीवुड के केविन स्पेसी व हार्वे वींस्टीन का मजाक बनाया, जिन पर कथित तौर पर अपने रुतबे का इस्तेमाल कर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। इस समारोह में ‘टाइम्स अप’ की पहल और ‘#मी टू’ अभियान का समर्थन करने के लिए हॉलीवुड के सभी दिग्गज रेड कार्पेट पर काले कपड़े पहनकर पहुंचे। ‘टाइम्स अप’ की पहल यौन उत्पीड़न के खिलाफ हॉलीवुड की शोंडा रहिम्स, रीज विदरस्पून, एवा लॉन्गोरिया, केरी वाशिंगटन जैसी शक्तिशाली महिलाओं ने शुरू की है। जबकि टाराना बुर्क ने समाज में यौन उत्पीड़न और यौन हमलों के संबंध में जागरूकता फैलाने के मकसद से 2006 में मी टू अभियान की शुरुआत की थी।

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