नेपाल-बांग्लादेश के बाद जॉर्जिया में बवाल, 'चुनाव में धांधली', भड़के प्रदर्शनकारी, राष्ट्रपति भवन घेरा, आगजनी-तोड़फोड़
यह प्रदर्शन जॉर्जिया में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर हो रहा है, जिनका अधिकांश विपक्ष दलों ने बहिष्कार किया है। विरोधियों का आरोप है कि सत्तारूढ़ पार्टी जॉर्जियन ड्रीम ने 2024 के संसदीय चुनावों में धांधली की।

जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में शनिवार को हजारों सरकार-विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन (ओर्बेलियानी पैलेस) पर धावा बोलने की कोशिश की, जिससे पुलिस और प्रदर्शकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन, आंसू गैस और पेपर स्प्रे का सहारा लिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ी और राष्ट्रपति भवन के परिसर में घुसने की कोशिश की।
चुनाव में धांधली का आरोप
यह प्रदर्शन जॉर्जिया में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर हो रहा है, जिनका अधिकांश विपक्ष दलों ने बहिष्कार किया है।
विरोधियों का आरोप है कि सत्तारूढ़ पार्टी जॉर्जियन ड्रीम ने 2024 के संसदीय चुनावों में धांधली की, और इसके बाद सरकार ने EU (यूरोपीय संघ) के साथ देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।
प्रधानमंत्री इराकली कोबाखिद्जे ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने EU के झंडे के साथ बैरिकेड्स में आग लगाई। उन्होंने EU के राजदूत पर आरोप लगाया कि वे “संवैधानिक व्यवस्था को उखाड़ने” की कोशिशों में प्रदर्शनकारियों को मदद कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों की रणनीति और मांगें
प्रदर्शनकारियों ने त्बिलिसी के फ्रीडम स्क्वायर और रुस्तवेली एवेन्यू से मार्च किया। वे जॉर्जिया और EU के झंडे लहराते दिखे।
प्रसिद्ध ओपेरा गायक पाता बरचुलाद्जे ने घोषणा पढ़ी, जिसमें उन्होंने गृह मंत्रालय कर्मचारियों को जनता की इच्छा मानने और जॉर्जियन ड्रीम पार्टी के 6 वरिष्ठ नेताओं, जिनमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं, को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।
विरोधी दलों की मांग है कि लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए देश में नए सिरे से संसदीय चुनाव हों और करीब 60 राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए।
संघर्ष की शुरुआत
नकाबपोश प्रदर्शनकारियों की एक टीम ने राष्ट्रपति भवन के पास बैरिकेड तोड़ दिए और अंदर प्रवेश करने की कोशिश की, जिससे पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी।
पुलिस ने वाटर कैनन, आंसू गैस और पेपर स्प्रे का उपयोग किया।
इस दौरान कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए।
पांच प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें पाता बरचुलाद्जे और विपक्षी दलों के अन्य नेता शामिल हैं। उन्हें “राज्य व्यवस्था उखाड़ने” जैसे आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
चुनाव का बहिष्कार और विवाद
इन चुनावों में विपक्षी दलों ने भागीदार न बनकर बहिष्कार किया था, और सत्तारूढ़ पार्टी ने अधिकांश नगरपालिकाओं में भारी बहुमत से जीत का दावा किया।
आलोचकों का कहना है कि यह चुनाव विरोधियों को दबाने और लोकतंत्र को कमजोर करने की रणनीति रही है।
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने इन चुनावों को “न्यायसंगत नहीं” करार दिया है और नए चुनावों की मांग की है।
जॉर्जिया की विदेश नीति और EU का झुकाव
जॉर्जियन ड्रीम पार्टी ने पिछले वर्ष ईयू बातचीत को स्थगित कर दिया था, जिससे देश की पश्चिमोन्मुखी छवि पर प्रश्नचिन्ह लग गया।
विरोधियों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह रूस-समर्थक रुख अख्तियार कर रही है।
प्रदर्शन अब न सिर्फ स्थानीय चुनाव का विरोध है, बल्कि जॉर्जिया की दिशा और उसके लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की लड़ाई का प्रतीक बन चुका है।
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